छपरा। सारण जिले के दुमाईगढ़ गाँव की बहू गीतांजलि बाजपेई ने 32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 41वीं रैंक हासिल कर अपने गाँव और परिवार का नाम रोशन किया है। यह न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे दुमाईगढ़ गाँव के लिए गर्व का क्षण है। गीतांजलि मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं। उन्होंने एलएलबी ऑनर्स और
एलएलएम लखनऊ विश्वविद्यालय से पूरी की है। इसके बाद अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश से पीएचडी में दाखिला लिया।
यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा है। गीतांजलि बाजपेई के सफलता की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपनी शादीशुदा जिंदगी के साथ अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं। गीतांजलि ने यह साबित किया है कि यदि परिवार का सहयोग हो तो कठिनाई से भरी राह में भी सफलता हासिल की जा सकती है।
गीतांजलि ने इस सफलता का श्रेय अपने परिवार और ससुरालवालों को दिया। उन्होंने बताया कि उनके पति और ससुर ने उनके सपनों को समझा और उन्हें पूरा करने में हर संभव मदद की।
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