

छपरा। सक्रिय पुलिसिंग के तहत सारण पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। मशरक थाना क्षेत्र में 50,000 रुपये की चोरी की घटना के महज कुछ घंटों में ही पुलिस ने कोढ़ा गिरोह के दो शातिर अपराधियों को धर दबोचा। यह वही गिरोह है, जिसने हाल के महीनों में सारण जिले के कई थाना क्षेत्रों में पैसों की चोरी और छिनतई की वारदातों को अंजाम दिया था।
कैसे हुआ खुलासा?
30 अप्रैल को उपेन्द्र ब्रदर्स पेट्रोल पंप, मशरक के पास उस वक्त हड़कंप मच गया जब शैलेन्द्र कुमार सिंह की कार का शीशा तोड़कर उनके 50,000 रुपये चोरी कर लिए गए। जैसे ही मामले की जानकारी थाना को मिली, कांड संख्या 183/25 के तहत तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर ली गई।
थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस ने घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, तकनीकी इनपुट और गुप्त सूचना के आधार पर सटीक कार्रवाई की। नतीजतन, मशरक मुन्नी मोड़ पर चेकिंग के दौरान गिरोह के दो सक्रिय सदस्य — पवन यादव और मोनू यादव को रंगे हाथ पकड़ा गया।
पकड़े गए अपराधियों का इतिहास भी डरावना
यह गिरोह सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं रहा है। दोनों अभियुक्त कोढ़ा थाना, जिला कटिहार के निवासी हैं और उनके खिलाफ पहले भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें दिघवारा, अवतारनगर और अमनौर थानों की चोरी की घटनाएं शामिल हैं।
पूर्व अपराधों की कड़ी:
- मशरक थाना कांड सं. 641/24 – धारा 304(2)
- दिघवारा थाना कांड सं. 143/25 – धारा 303(2), 134
- अवतारनगर, अमनौर कांड – धारा 304(2)
गिरफ्तारी के वक्त क्या मिला?
- चोरी की राशि: ₹2500 (अभी तक बरामद)
- एक चोरी में प्रयुक्त मोटरसाइकिल
- कार का शीशा तोड़ने वाले तीन मास्टर फाइटर टूल्स
- एक मोबाइल फोन
- यहां तक कि एक खुजली का पाउडर भी बरामद हुआ, जिसे पुलिस अब संभावित डायवर्जन टेक्निक के रूप में देख रही है।
पुलिस की रणनीति और टीम वर्क
इस पूरी कार्रवाई में मशरक थाने की पुलिस टीम के अलावा जिला आसूचना इकाई, सारण की भूमिका भी अहम रही। पुलिस के मुताबिक, कोढ़ा गैंग संगठित रूप से विभिन्न जिलों में वारदातों को अंजाम देता है और स्थानीयता से दूर रहने के कारण इन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण होता है।
