
छपरा। कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के सचिव पद के चुनाव में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर जीत हासिल की है। यह मुकाबला खास इसलिए भी था क्योंकि इसमें भाजपा के ही दो दिग्गज नेताओं के बीच सीधा टकराव था। रूडी ने बीजेपी के पूर्व सांसद संजीव बाल्यान को हराकर अपनी 25 साल की पकड़ को कायम रखा।
चुनाव में रही हाई-प्रोफाइल हलचल
मंगलवार को हुए इस चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस की सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई प्रमुख नेताओं ने वोट डाले। देर रात तक चली मतगणना में शुरुआत से ही रूडी ने बढ़त बनाए रखी और अंततः 100 से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। रूडी की पैनल के अन्य सदस्यों ने भी विजय प्राप्त की।
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रूडी का अनुभव और नेटवर्क बना ताकत
पांचवीं बार के लोकसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी लंबे समय से क्लब के सचिव पद पर काबिज हैं। इस बार उन्हें दो बार के पूर्व लोकसभा सांसद संजीव बाल्यान से कड़ी चुनौती मिली, लेकिन उनका वर्षों पुराना अनुभव, व्यक्तिगत रिश्ते और मजबूत नेटवर्क निर्णायक साबित हुए। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों से जुड़े कई सदस्यों ने भी रूडी का समर्थन किया, जबकि भाजपा के वोटों में बंटवारा हो गया।
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मतदान और मुकाबला
अधिकारियों के मुताबिक, क्लब के 1,295 वर्तमान और पूर्व सांसदों में से 680 से अधिक ने वोट डाले, जो इस पद के लिए हुए चुनावों में सबसे अधिक मतदान में से एक है। लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने संजीव बाल्यान के लिए प्रचार अभियान का नेतृत्व किया, जिससे मुकाबला और भी रोचक बन गया।
जातीय समीकरण का प्रभाव
इस चुनाव में जातीय पहलू भी देखने को मिला। ठाकुर समुदाय से आने वाले रूडी के मुकाबले बाल्यान जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जातीय पहचान के साथ-साथ पर्दे के पीछे की रणनीतियां और व्यक्तिगत संबंधों ने परिणाम को प्रभावित किया।
क्लब में सचिव का महत्व
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में लोकसभा अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव की भूमिका क्लब के प्रशासन और कार्यप्रणाली में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस पद पर लंबे समय से बने रहना रूडी के लिए न केवल राजनीतिक प्रभाव का संकेत है, बल्कि उनके व्यापक समर्थन आधार का भी प्रमाण है।
चुनाव के बाद रूडी ने पत्रकारों से कहा, “यह सभी सांसदों और उन सभी के लिए एक शानदार जीत है, जिन्होंने पिछले दो दशकों से टीम के निरंतर प्रयासों का समर्थन किया है। यह अनुभव बेहद खास है।”