Saran News: DM द्वारा आर्थिक दंड लगाने के बाद भी नहीं सुधरे CO साहब, ‘प्रपत्र-क’ गठित कर कार्रवाई का आदेश
लोक शिकायत के मामले में उदासीनता पड़ी भारी

छपरा। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने शुक्रवार को लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामलों की सुनवाई करते हुए मढ़ौरा के अंचलाधिकारी (CO) पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। अतिक्रमण संबंधी एक मामले में पहले से ही लगाए गए ₹1,000 के आर्थिक दंड के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी के विरुद्ध ‘प्रपत्र – क’ गठित करने का निर्देश दिया है।
किरण देवी की शिकायत में हुई लापरवाही, डीएम ने जताई कड़ी नाराज़गी
मामला मढ़ौरा की रहने वाली परिवादिनी किरण देवी की ओर से दायर एक अतिक्रमण संबंधी शिकायत से जुड़ा है। इस मामले में पहले ही 1 जुलाई 2025 को हुई सुनवाई के दौरान अंचलाधिकारी को दोषी मानते हुए ₹1000 का आर्थिक दंड लगाया गया था। बावजूद इसके अब तक अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट नाराज़गी जताते हुए CO पर विभागीय कार्रवाई का आदेश पारित किया।
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‘प्रपत्र – क’ क्या है?
‘प्रपत्र – क’ बिहार सरकार के सेवा नियमावली के तहत किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच की पूर्व प्रक्रिया है, जिसमें उसे दोषी मानते हुए स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया जाता है। यह प्रक्रिया अनुशासनात्मक कार्रवाई की दिशा में पहला औपचारिक कदम माना जाता है।
14 लोक शिकायतों की हुई सुनवाई, 4 का हुआ अंतिम निपटारा
जिलाधिकारी अमन समीर ने शुक्रवार को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत कुल 14 मामलों की द्वितीय अपील में सुनवाई की। इनमें से 4 मामलों में अंतिम निर्णय पारित किया गया, जबकि शेष 10 मामलों में अधूरी रिपोर्ट और अनुपस्थिति के कारण लोक प्राधिकार को अगली तिथि पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया।
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डीएम का सख्त संदेश: शिकायतों पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं
जिलाधिकारी ने कहा, “लोक शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निवारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई भी अधिकारी यदि इसमें लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने सभी पदाधिकारियों को सजग, संवेदनशील और सक्रिय रहने की चेतावनी भी दी।
प्रशासन की सक्रियता से मिलेगी शिकायतकर्ताओं को राहत
इस कार्रवाई को लोक प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी तरह हर शिकायत का त्वरित और ठोस समाधान होता रहे, तो सामान्य जनता का विश्वास तंत्र पर और मजबूत होगा।