छपरा। सारण जिले को कालाज़ार उन्मूलन में उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पटना में आयोजित एक विशेष समारोह में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह, वीडीसीओ अनुज कुमार और उनकी पूरी टीम को प्रदान किया। इस दौरान मंत्री ने सम्मान के प्रतीक चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को सराहा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने समारोह में कहा कि कालाज़ार जैसे खतरनाक रोग से निपटने के लिए राज्य में सारण जिले ने एक मिसाल पेश की है। जिला की पूरी टीम के अथक प्रयासों के कारण कालाज़ार को नियंत्रित करने और उन्मूलन की दिशा में सारण को सफलता मिली है। यह पुरस्कार जिले के हर एक अधिकारी और कर्मचारी के मेहनत का परिणाम है।
सामूहिक प्रयास से मिली सफलता :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार केवल उन्हें नहीं, बल्कि उनकी पूरी टीम को मिला है। उन्होंने बताया कि कालाज़ार उन्मूलन में पूरी टीम का योगदान है, और यह सफलता सामूहिक प्रयासों का नतीजा है। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि कालाज़ार उन्मूलन के लिए टीम ने विभिन्न गांवों और क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता अभियान चलाया, मरीजों की पहचान की और उनका उचित इलाज किया।
सारण जिले में कालाज़ार उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस रोग को समाप्त करने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य अभियान चलाए गए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया गया और कालाज़ार के मरीजों का समय पर इलाज किया गया। ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ सौमित्र प्रधान के द्वारा सारण को मॉडल जिला घोषित करते हुए पूरे सूबे में इस मॉडल को अपनाने का आह्वान किया है। इस उपलब्धि में समय समय पर जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन का मार्ग दर्शन मिलता रहा है।
प्राप्त लक्ष्य को 3 साल तक रखा गया सस्टेन:
वीडीसीओ अनुज कुमार ने बताया कि 2022 में जिले ने कालाज़ार उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। इसके तहत यह सुनिश्चित किया गया था कि जिले के किसी भी प्रखंड में 10,000 की आबादी पर एक से अधिक कालाज़ार के मरीज न हों। इस मानक को पूरा करने के बाद जिले को कालाज़ार उन्मूलन का प्रमाणपत्र मिला।
इसके बाद, जिले में कालाज़ार को पूरी तरह से नियंत्रित रखने के लिए निरंतर निगरानी रखी गई। 2022 में प्राप्त लक्ष्य को तीन साल तक सस्टेन बनाए रखने का उद्देश्य रखा गया था, और सारण जिला ने इसे पूरी तरह से कायम रखा।
अब कालाज़ार मुक्त जिले का मिलेगा दर्जा:
अब सारण को कालाज़ार मुक्त जिला घोषित किया जाएगा। इसके लिए एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टीम की ओर से जांच की जाएगी। यह टीम जिले के विभिन्न गांवों और प्रखंडों में जाकर यह सुनिश्चित करेगी कि कालाज़ार के कोई नए मामले न मिले। टीम की जांच के बाद, कालाज़ार उन्मूलन की औपचारिक घोषणा की जाएगी। यह घोषणा जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाएगी। यह सफलता न केवल सारण जिले के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे लगातार मेहनत, समर्पण और योजनाबद्ध प्रयासों से एक गंभीर रोग को समाप्त किया जा सकता है।
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