RBI New Guidelines: अब क्रेडिट कार्ड से नहीं भर पाएंगे घर का किराया, जानिए RBI ने क्यों लगाई रोक
RBI के नए नियम से बदला सिस्टम, अब तुरंत देना होगा किराया

नई दिल्ली। अगर आप हर महीने घर का किराया फोनपे, पेटीएम, क्रेड, अमेजन पे जैसे फिनटेक ऐप्स से क्रेडिट कार्ड के जरिए भरते थे तो अब यह सुविधा बंद हो चुकी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भुगतान सेवाओं से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं, जिसके तहत ये प्लेटफॉर्म अब मकान मालिकों के खाते में क्रेडिट कार्ड से किराया ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। इससे लाखों किरायेदारों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें अब रेंट पेमेंट के लिए UPI, बैंक ट्रांसफर या अन्य पारंपरिक विकल्पों का सहारा लेना होगा।
RBI ने क्या किया?
RBI ने रेंट पेमेंट से जुड़े लेन-देन को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, पेमेंट एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवे अब केवल उन्हीं व्यापारियों के साथ लेन-देन कर सकते हैं जिनकी पूरी KYC (Know Your Customer) पूरी हो चुकी है और जिनसे उनका सीधा कॉन्ट्रैक्ट है। चूंकि अधिकांश मकान मालिक रजिस्टर्ड मर्चेंट नहीं होते, इसलिए अब क्रेडिट कार्ड से उनका किराया सीधे इन प्लेटफॉर्म्स पर जमा नहीं होगा।
क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान क्यों रोका गया?
पहले कुछ लोग रेंट पेमेंट सर्विस का दुरुपयोग करते थे। वे किराए के नाम पर दोस्तों या रिश्तेदारों के खाते में पैसा डालते और बदले में रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक और क्रेडिट अवधि का फायदा उठाते थे। RBI का मानना है कि यह सिस्टम पारदर्शी नहीं था क्योंकि मकान मालिकों की पूरी KYC नहीं होती थी। फिनटेक कंपनियां यहां मार्केटप्लेस की तरह काम कर रही थीं, जिसे RBI ने नियमों के खिलाफ माना और यह सुविधा बंद कर दी गई।
बैंक पहले से सख्ती कर रहे थे
RBI के नए नियम से पहले ही बैंकों ने क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान पर रोक लगानी शुरू कर दी थी।
- HDFC बैंक ने जून 2024 में ऐसे भुगतानों पर 1% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था (अधिकतम सीमा ₹3,000)।
- ICICI बैंक और SBI कार्ड्स ने रेंट पेमेंट्स पर रिवॉर्ड पॉइंट्स देना बंद कर दिया।
- SBI कार्ड्स ने 2023 में बताया था कि उनके कुल रिटेल खर्च का एक बड़ा हिस्सा (लगभग मिड-टीन्स) किराया भुगतान से आता है, जिसमें प्रति ट्रांजैक्शन औसतन ₹20,000 – ₹21,000 खर्च होते थे। इसके बाद कंपनी ने अपनी फीस ₹99 से बढ़ाकर पहले ₹199 और फिर ₹200 कर दी।
किन प्लेटफॉर्म्स ने सर्विस बंद की?
- मार्च 2024 में फोनपे, पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज और अमेजन पे ने यह सुविधा बंद कर दी थी।
- सितंबर 2025 से क्रेड और बाकी सभी फिनटेक प्लेटफॉर्म्स ने भी RBI के नए नियमों के चलते रेंट पेमेंट सर्विस हटा दी।
इसका असर किस पर होगा?
- अब किरायेदारों को न तो रिवॉर्ड पॉइंट्स और कैशबैक का फायदा मिलेगा और न ही बिना ब्याज वाली अवधि का।
- बैंकों पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि उनकी फीस से होने वाली आय में कमी आ सकती है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि SBI कार्ड्स जैसी कंपनियों की प्रति शेयर कमाई (EPS) पर भी दबाव पड़ सकता है।
- फिनटेक कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि रेंट पेमेंट हाल के वर्षों में उनके प्लेटफॉर्म्स पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र था।
अब विकल्प क्या हैं?
किरायेदार अब क्रेडिट कार्ड से किराया नहीं चुका पाएंगे। उन्हें भुगतान के लिए निम्न विकल्पों का सहारा लेना होगा:
- UPI पेमेंट
- NEFT, RTGS या IMPS बैंक ट्रांसफर
- चेक से भुगतान
- ऑटोमैटिक पेमेंट (स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस)
इसका मतलब है कि अब किरायेदारों को हर महीने किराया समय पर सीधे चुकाना होगा। क्रेडिट कार्ड की तरह बाद में भुगतान करने की सुविधा और उससे मिलने वाले फायदे अब उपलब्ध नहीं रहेंगे।
फायदे और नुकसान
श्रेणी | फायदा (पहले) | नुकसान (अब) |
---|---|---|
किरायेदार | – क्रेडिट अवधि (45-50 दिन) – रिवॉर्ड पॉइंट्स व कैशबैक – तुरंत ट्रांजैक्शन | – तुरंत भुगतान करना होगा – कोई रिवॉर्ड/कैशबैक नहीं – ब्याज मुक्त अवधि खत्म |
बैंक | – फीस से आय – ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में तेजी | – आय पर असर – EPS पर दबाव |
फिनटेक कंपनियां | – नए यूजर्स जुड़ रहे थे – रेंट पेमेंट सबसे तेजी से बढ़ता सेगमेंट | – बिजनेस मॉडल पर असर – नए ऑफर/सेवाओं की तलाश जरूरी |