Railway Updateदेश

रेलवे ने ट्रेनों में शुरू की बायोडिग्रेडेबल बेडरोल बैग की सुविधा, IIT गुवाहाटी की तकनीक से बना बैग

40 हज़ार बायोडिग्रेडेबल बैग ऑनबोर्ड

रेलवे डेस्क। भारतीय रेलवे में पहली बार Northeast Frontier Railway (पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे) ने यात्रियों को दिए जाने वाले लिनेन (चादर, तकिया-कवर, तौलिया) की पैकिंग के लिए पर्यावरण-मित्र बेडरोल बैग की शुरुआत की है। ये बैग IIT गुवाहाटी द्वारा विकसित कम्पोस्टेबल सिंथेटिक पॉलिमर से बने हैं और जैव-अक्षय (biodegradable), पुन: उपयोग योग्य (reusable) और कम्पोस्टेबल हैं।

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर N.F. Railway ने अपने सभी ट्रेनों में लिनेन वितरण हेतु करीब 40,000 बायोडिग्रेडेबल बैग उपयोग में लिए हैं। यह कदम यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ रेलवे के ‘ग्रीन’ संकल्प को भी गति देता है।

क्यों है यह पहल खास

  • कचरे में कमी: प्लास्टिक/कागज़ आधारित पैकिंग पर निर्भरता घटेगी, समग्र कचरा-उत्पादन कम होगा।
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी: टिकाऊ सामग्री के उपयोग से कार्बन फ़ुटप्रिंट घटेगा।
  • कागज़ की खपत घटेगी: प्रत्येक लिनेन सेट के साथ अतिरिक्त कागज़ी पैकिंग की जरूरत कम।
  • हाइजीन + लुक-एंड-फील बेहतर: स्वच्छ, आकर्षक और सौंदर्यपूर्ण पैकिंग से यात्रियों की संतुष्टि बढ़ेगी।

‘आत्मनिर्भर विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति

N.F. Railway की यह पहल सस्टेनेबल सामग्रियों के व्यापक उपयोग की शुरुआत मानी जा रही है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि भविष्य में सेवाओं और आपूर्ति-श्रृंखला के अन्य आयामों में भी पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि ‘आत्मनिर्भर विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति हो।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button
close