छपरा। अब छपरा में भी मरीजों को बिना ऑपरेशन और बिना दर्द के बवासीर, फिशर और फिस्टुला जैसी बीमारियों से राहत मिल सकेगी। शहर के नगरपालिका चौक स्थित यदुवंशी राय मेमोरियल अस्पताल में पहली बार लेजर तकनीक से प्रॉक्टोलॉजी के सभी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस नई तकनीक के जरिए मरीजों को बिना चीर-फाड़, खून बहाए और दर्द के इलाज मिल रहा है।
लेजर तकनीक से इलाज के फायदे
पटना के पीएमसीएच में जेनरल, लैप्रोस्कोपिक और लेज़र सर्जन डॉ. श्वेत शिखा ने कहा कि यह तकनीक मरीजों के लिए बहुत सुरक्षित और प्रभावी है। डॉ. श्वेत शिखा ने यह भी बताया कि कई लोग ऑपरेशन के डर से बवासीर, फिशर और फिस्टुला जैसी समस्याओं का इलाज नहीं करवाते और इन बीमारियों को बढ़ने देते हैं। नतीजतन, ये बीमारियां और जटिल हो जाती हैं और मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मरीजों से अपील की कि वे इन समस्याओं का समय पर इलाज करवाएं और ऑपरेशन के डर से न घबराएं, क्योंकि लेजर तकनीक से इलाज अब एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प बन चुका है।
ये होगा लेजर तकनीक का फायदा
- बिना चिरा लगाए – ऑपरेशन के दौरान कोई कट या घाव नहीं होता।
- बिना रक्तस्त्राव – इलाज के दौरान खून नहीं बहता।
- बिना दर्द – इस तकनीक में मरीज को कोई दर्द नहीं होता।
- 24घंटे में छुट्टी – इलाज के बाद मरीज को केवल 24 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
- फिर से होने की कम संभावना – इस तकनीक से उपचार के बाद बीमारी के फिर से होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- तेज रिकवरी – मरीज की रिकवरी बहुत तेज होती है और जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौट आता है।
- निशान रहित – इलाज के बाद शरीर पर कोई निशान या दाग नहीं रहते, जिससे मरीज को कोई असुविधा नहीं होती।
छपरा में नया अवसर
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु कुमार ने कहा कि यदुवंशी राय मेमोरियल अस्पताल में शुरू हुई यह लेजर तकनीक छपरा और आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक बड़ा मेडिकल मील का पत्थर साबित हो रही है। अब लोग बिना किसी डर और परेशानी के अपने इलाज के लिए अस्पताल में आ सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। यह नई सुविधा छपरा के लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है, क्योंकि अब उन्हें पटना या बड़े शहरों में जाकर इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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