अब छपरा में ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं होगी दवा की कमी

छपरा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

• अब स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं होगी दवाओं की कमी

• पोर्टल के माध्यम से दवाओं की खपत और आपूर्ति की निगरानी
• स्वास्थ्य केंद्रों में तीन माह की दवाओं का रहेगा स्टॉक
छपरा। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य मिले यह सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिससे अब ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी दवाओं की कमी नहीं होगी। सारण जिला में 4 मुफ्त औषधि वाहन दिए गए हैं, जिनसे बड़े और छोटे अस्पतालों तक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इस पहल से अस्पतालों तक दवाओं को समय पर पहुंचाना अब और भी आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत, लेवल-वन का एक बड़ा वाहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्रों तक दवाएं पहुंचाएगा। जबकि, तीन छोटे लेवल-टू वाहन ग्रामीण अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति करेंगे। इन वाहनों का प्रमुख उद्देश्य है कि हर स्तर पर अस्पतालों तक दवाएं समय पर और सही मात्रा में पहुंच सकें।

तीन माह की दवाओं का स्टॉक रहेगा:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि बड़े अस्पतालों में मांग के अनुसार कम से कम तीन माह की दवाओं का स्टॉक रहेगा। एक मार्ग पर वाहन निकलने पर उधर के सभी अस्पतालों तक इससे दवाएं पहुंचायी जाएगी। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त दवाएं मौजूद हैं। वाहन नहीं रहने से औषधि केंद्र से दवाओं को अस्पतालों में ले जाने में काफी परेशानी होती थी। पहले जिला से प्रखंड अस्पतालों को समय से दवा उपलब्ध कराने के लिए कोई दवा सप्लाई वाहन उपलब्ध नहीं रहने की वजह से निजी वाहनों द्वारा दवा भेजी जाती थी। इन निजी वाहनों के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को एक निश्चित राशि उपलब्ध कराई जाती थी। इसमें कई तरह की समस्याएं भी थी जिसका अब निराकरण हो गया है। नए वाहनों के आने से अब वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मांग के अनुसार दवाएं भेजी जा सकेंगी। इसके लिए वे डीवीबीडीएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन डिमांड करेंगे।

स्वास्थ्य केंद्रों में शत-प्रतिशत दवा उपलब्ध:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि सुदूरवर्ती गांवों में आवश्यक औषधियां समय पर और सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए जीपीएस सिस्टम से लैस औषधि वाहनों की सेवा शुरू की गयी है। इससे दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और समय पर आपूर्ति संभव हो सकेगी। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में शत-प्रतिशत दवा उपलब्ध है। प्रत्येक मरीज को मुफ्त में हर प्रकार की दवा उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य स्तर से सदर अस्पताल को 456, अनुमंडल अस्पताल स्तर पर 312, सीएचसी स्तर पर 309, पीएचसी स्तर पर 294, एचएससी-एचडब्ल्यूसी स्तर पर 151 व एचएसी स्तर पर 32 दवाएं आवश्यक दवाएं आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। कुछ जरूरी दवाएं सरकार से उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में निर्धारित दर पर स्थानीय बाजारों से खरीदने का भी प्रावधान है। रोगी कल्याण समिति व जिला स्तरीय क्रय कमेटी के माध्यम से भी निर्धारित सरकारी दरों पर कुछ जरूरी दवाएं बाजार से खरीदी जाती है।

बाहर का दवा नहीं लिखेंगे डॉक्टर:
जिलाधिकारी अमन समीर ने आदेश दिया है कि कोई भी डॉक्टर मरीजों को बाहर का दवा नहीं लिखेंगे। जो दवा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है उसे हीं मरीज के लिए लिखना है। उन्होने इसकी निगरानी करने का निर्देश दिया है । डीएम ने कहा कि मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को बेहतर उपचार के साथ-साथ हर तरह की दवा मिले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।