छपरा में फाइलेरिया के रोगियों की पहचान के लिए चलेगा नाइट ब्लड सर्वे,  लिया जायेगा ब्लड सैंपल

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  •  प्रत्येक प्रखंड में बनाया जायेगा दो-दो सैंपल कलेक्शन साइट
  • प्रत्येक चयनित स्थलों पर 300 लोगों का लिया जायेगा ब्लड सैंपल
  • रात्रि 8:30 बजे से शुरू होगा नाइट ब्लड सर्वे

छपरा। शरीर को पूरी तरह से अस्वस्थ बनाने वाला रोग जिसे फाइलेरिया या हाथीपांव के नाम से हम जानते हैं। यह परजीवी के माध्यम से फैलने वाला रोग है। इस रोग से अन्य लोग प्रभावित न हो सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नाइट ब्लड सर्वे का मुहिम छेड़ा है। सारण में सामान्य लोगों में फाइलेरिया बीमारी की पहचान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जायेगा। इसको लेकर विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।

जिले के प्रत्येक प्रखंडों में एक स्थायी तथा एक अस्थायी स्थल चयनित किया गया है। साथ हीं शहरी क्षेत्र में दो स्थल का चयन किया गया है। जहां पर नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल लिया जायेगा।

रात्रि में 8:30 बजे से शुरू होगा नाइट ब्लड सर्वे:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक साइट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम रात्रि 8:30 बजे से 12 बजे तक कम से कम 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जायेगा। रात 8 बजे के बाद ही फाइलेरिया के परजीवी रक्त में फैलने लगते हैं तो आसानी से इसका पता चल जाता है और जांच के उपरांत त्वरित इलाज कर व्यक्ति को बचाया जा सकता है।

यह 5 वर्ष के बाद उभरने वाला रोग है जिस पर अगर ध्यान न दिया जाए तो बाद में यह बिना इलाज का हो जाता है यानी इसका उपचार नहीं हो पता है। इसलिए जिस गांव में फाइलेरिया के मरीज हैं उसमें इसके परजीवी और छुआछूत के माध्यम से कोई अन्य व्यक्ति न शिकार हो जाए इस मुहिम को शुरू कर दिया गया है। इसमें 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का रक्त परीक्षण होगा। खून जांच में फाइलेरिया कीटाणु की पहचान होने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सके।

स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण:

जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। जिला मुख्यालय में प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर लैब टेक्निशियन, सीएचओ, एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। नाइट ब्लड सर्वे को लेकर आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर जागरूक करेंगी।

नाइट ब्लड सर्वे द्वारा सभी प्रखंडों के चिह्नित क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीज की पहचान की जाती है। नाइट ब्लड सर्वे जांच में अगर संबंधित प्रखंड में एक प्रतिशत व्यक्ति के ब्लड सैंपल में माइक्रो फाइलेरिया की पहचान होती है, तो पूरे प्रखंड के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए वहां सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है।