
छपरा। लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने और देश में चुनावी सुधारों पर गहन विचार-विमर्श करने के लिए जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के सीनेट हॉल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के चुनावों में समन्वय बढ़ाने, चुनावी खर्च को कम करने और विकास कार्यों में हो रहे अवरोधों को दूर करने के लिए इस मुद्दे पर विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की राय एक मंच पर लाना था।
जयप्रकाश विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति परमेंद्र कुमार वाजपेई ने किया। उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़े मजबूत और गहरी हैं। उन्होंने याद दिलाया कि लिच्छवी गणराज्य के माध्यम से भारत ने विश्व में लोकतंत्र की शुरुआत का उदाहरण प्रस्तुत किया था। कुलपति ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्यों के चुनावों का एक साथ होना देश के हित में है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव, विधान परिषद ने कहा कि भारत राज्यों का संघ है और राज्यों की स्वायत्तता को बनाए रखना आवश्यक है। उद्घाटन सत्र की कीनोट स्पीकर डॉ. प्रोफेसर रेखा सक्सेना, दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा कि चुनाव में बढ़ते खर्च और विकास कार्यों में बाधाओं को दूर करने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव का विकल्प सार्थक है। सत्र की अध्यक्षता डॉ. इरफान अली, राजनीति विज्ञान विभाग अध्यक्ष ने की, जबकि संचालन विजय कुमार और राजमोहन शर्मा ने किया।
संगोष्ठी का औचित्य बताते हुए डॉ. प्रमोद कुमार, निदेशक पाटलिपुत्र इंस्टीट्यूट ने आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, शिक्षक, छात्र और शोधार्थी उपस्थित थे।
तकनीकी सत्र:
प्रथम सत्र:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के डॉ. निशांत कुमार, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. सुमन कुमार और महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के डॉ. मृत्युंजय यादव ने भारत में संघवाद के विभिन्न आयामों पर अपने विचार साझा किए। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. पंकज कुमार और डॉ. अनुपम कुमार ने संघीय ढांचे की चुनौतियों और समाधान पर चर्चा की। सत्र की अध्यक्षता डॉ. संजय कुमार ने की और संचालन डॉ. सोनाली सिंह ने किया।
दूसरा सत्र:
इसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों के विभिन्न पहलुओं पर आधे दर्जन से अधिक वक्ताओं ने अपनी राय साझा की। प्रमुख वक्ताओं में पटना विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर कुमार, अश्विनी कुमार, पवन कुमार यादव और डॉ. गौरव सिंह शामिल थे। सत्र की अध्यक्षता डॉ. अनिल कुमार सिंह, राजनीति विज्ञान विभाग ने की। मंच संचालन डॉ. शबाना परवीन मालिक, जेपीएम महाविद्यालय छपरा ने किया।
संगोष्ठी में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. लाल बाबू यादव, डॉ. विकास चौहान, डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. रुचि त्रिपाठी, डॉ. कन्हैया कुमार, विश्वविद्यालय के CCDC डॉ. गुनसागर यादव, प्रोफेसर अजीत कुमार तिवारी, परीक्षा नियंत्रक अशोक मिश्रा समेत विभिन्न विभागाध्यक्ष, संकाय अध्यक्ष और शिक्षक भी उपस्थित थे।
संगोष्ठी में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक परिदृश्य, संघवाद, चुनावी सुधार और विकास कार्यों के प्रभाव पर गहन विचार-विमर्श हुआ। इस आयोजन ने छपरा और बिहार में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।