छपरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ लाने की जानकारी दी. नई लोकसभा में अपने पहले संबोधन में पीएम मोदी ने ‘सभी सांसदों से इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कराने की अपील की.’
पीएम मोदी ने नई संसद में अपने पहले संबोधन में महिला आरक्षण बिल का जिक्र करते हुए कहा कि ‘अनेक सालों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं, बहुत संवाद हुए हैं. पहली बार यह साल 1996 में पेश हुआ था. अटल जी के समय भी कई बार पेश हुआ लेकिन नंबर न होने के कारण पास नहीं करा पाए. शायद ईश्वर ने ऐसे पवित्र काम के लिए मुझे चुना है.’
इस बील पर प्रसन्नता जताते हुए भाजपा नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अतिपिछड़ा कल्याण महासंघ संतोष कुमार महतो ने कहा कि यह देश की महिलाओं के लिए गौरव का पल है। उसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का योगदान भुला नहीं जाया जा सकता है। इस महिला बिल से नारी शक्ति को बढ़ावा के साथ साथ देश और राज्य की सदनो में 33% भागीदारी सुनिश्चित होगी।
संतोष कुमार महतो ने कहा कि इस बिल में प्रावधान है कि राज्यों की विधानसभा और संसद में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाएंगी.। इसके लागू होते ही देश की संसद में और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाएगा।
उन्होने कहा कि इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। इन आरक्षित सीटों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में रोटेशन प्रणाली से आवंटित किया जा सकता है।
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