सारण के गौतम ऋषि मंदिर में 6 साल बाद पुन: विराजमान होंगे भगवान श्रीराम

छपरा

छपरा । गौतम ऋषि मंदिर से छव वर्ष पूर्व चोरी हुई अष्टधातु की मूर्तियों के स्थान पर 22 जनवरी 24 को पुनः स्थापित किया जाएगा। अयोध्या श्री राम मंदिर उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ही गौतम ऋषि मंदिर में श्रीराम दरबार विग्रह (प्रतिमा) प्राण प्रतिष्ठा स्थापित यज्ञ के साथ विग्रह (प्रतिमा) स्थापित किया जाएगा।

महर्षि गौतम ऋषि मंदिर परिसर, गोदना में सोमवार को महंत राम दयालु दास की अध्यक्षता में क्षेत्रीय गणमान्यजनों की बैठक हुई। बैठक में मुख्य रूप से गत करीब छह वर्ष पहले गौतम ॠषि मंदिर, गोदना मोड़ रिविलगंज से चोरी गयी माता सीता एवं लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं के स्थान पर पुनः प्रतिमा स्थापित करने पर विचार विमर्श हुई। जिसमें संत-महात्माओं एवं समाजिक लोगों द्वारा विचार विमर्श करने के बाद सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि जन सहयोग से प्रतिमा माता सीता एवं लक्ष्मण जी नयी प्रतिमा खरीदकर मंदिर में पुनः स्थापित किया जाएगा। सर्वसम्मति से अगामी 22 जनवरी को विधिवत विग्रह (प्रतिमा) स्थापना करने का तिथि तय किया गया। उसी दिन अयोध्या में भगवान श्रीराम जी की मूर्ति स्थापना एवं प्राणप्रतिष्ठा के साथ श्रीराम मंदिर का उद्घाटन होना है। वही गौतम ऋषि मंदिर परिसर में चैरिटी ट्रस्ट द्वारा महिलाओं के संचालित अहिल्या नारी उत्थान सिलाई ट्रेनिंग सेंटर, छात्र छात्राओं के लिए अंग्रेजी एवं गणित कोचिंग एवं कम्प्यूटर बेसिक ट्रेनिंग तथा गौतम ऋषि आरोग्य सेवा संस्थान को पुनः चालित करने का निर्णय लिया गया।

22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन गौतम ऋषि मंदिर में होगा माता सीता एवं लक्ष्मण जी के प्रतिमा स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा।

प्रतिमा खरीदारी, स्थापित, अनुष्ठान एवं यज्ञ की तिथि एवं रुप रेखा की तैयारी के साथ यज्ञ का नामकरण संतों के श्रीमुख से किया गया। श्रीराम दरबार विग्रह (प्रतिमा) स्थापना यज्ञ का विधिवत् शुभारंभ अगामी 19 जनवरी 2024 कलशयात्रा सह शोभायात्रा, पंचाग पूजन, मंडप पूजन एवं वेदी पूजन के साथ होगा। 20 जनवरी को भगवान का जलाधिवास, अन्नाधिवास एवं महाआरती, 21 जनवरी को अड़णीमंथन, वस्त्राधिवास, कंधाधिवास कूर्मकूटीवास एवं भगवान का नगर भ्रमण के पश्चात 22 जनवरी को स्वाहाकार के बाद भगवान विग्रह(प्रतिमा) प्राण प्रतिष्ठा के साथ प्रसाद वितरण एवं भंडारे का आयोजन के साथ यज्ञ विधिवत रुप से संपन्न होगा।

18 फरवरी 2018 को माता सीता एवं लक्ष्मण जी की अष्टधातु की मूर्ति अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया था।

विदित हो कि पौराणिक धार्मिक एवं एतिहासिक महर्षि गौतम ऋषि मंदिर गोदना मोड़ रिविलगंज से 18 फरवरी 2018 की रात्रि अज्ञात चोरों द्वारा मंदिर में स्थापित माता सीता एवं लक्ष्मण जी की अष्टधातु की मूर्ति की चोरी कर ली गई थी। बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति की मौजूदा कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में करोड़ों में बतायी जाती है। मंदिर में हुई चोरी की घटना के करीब छह साल बीत जाने के बाद भी आजतक पुलिस प्रशासन मूर्ति बरामद करने में असफल रही है। पुलिस मूर्ति चोर गिरोह के सदस्यों एवं सरगनाओं की सुराग पाने में भी विफल रही। रिविलगंज क्षेत्र के आधा दर्जन मठ मंदिरों से बेशकीमती मूर्तियो ं की चोरी की घटना कई बार हो चुकी है लेकिन पुलिस के हाथ चोरों के गिरेबान तक अभी तक नहीं पहुंची है।बार बार मठ मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाओं के बाद भी सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव नहीं बनाया गया जिसके कारण सभी मूर्ति चोरी की घटना को पुलिस ने ठंडे बक्से में डाल दिया है।

जिले में मंदिरों से चोरी की घटना अभी भी जारी है जिससे लोगों में भय एवं आक्रोश व्याप्त है। गौतम ऋषि मंदिर प्रांगण में बैठक में महंत राम दयालु दास की अध्यक्षता में विनोद कुमार श्रीवास्तव,पारस नाथ श्रीवास्तव अधिवक्ता, पंकज कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह,लाल बाबू सिंह,डा० रवि शंकर प्रसाद, चन्द्र भूषण सिंह उर्फ पताली सिंह, रविन्द्र गिरि, मनोज कुमार सिंह, सुरेन्द्र सिंह,राजा साह गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंह, कृष्ण कुमार आर्य,राम कुमार सिंह, योगेन्द्र प्रसाद वर्मा, प्रवीण कुमार आदि शामिल हुए।