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Lalitpur Singrauli Rail Line: 171KM लंबी रेलवे लाइन बिछायी जायेगी, 71KM ट्रैक बनकर तैयार

रीवा से सीधी तक दौड़ी 130 की रफ्तार से ट्रेन, जल्द शुरू होगी पहली पैसेंजर सेवा

रेलवे डेस्क। मध्यप्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात की तैयारी अंतिम चरण में है। रीवा से सिंगरौली को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित रेल परियोजना का कार्य तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। इसी क्रम में रीवा से सीधी जिले के बघवार स्टेशन तक हाई स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इस दौरान अत्याधुनिक WDP-4D डीज़ल इंजन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया, जो रेलवे के सभी तकनीकी मानकों पर खरा उतरा।

इस सफल ट्रायल की जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने ट्वीट कर साझा की। उन्होंने इसे रीवा और सीधी जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि यह मार्ग जल्द ही यात्री सेवा के लिए खोला जाएगा।

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अब बघवार तक चलेगी ट्रेन, गोविंदगढ़ से बढ़ाया गया रूट

रेलवे पहले ही रीवा से गोविंदगढ़ तक यात्री सेवा के लिए हरी झंडी दे चुका था, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाकर सीधी जिले के बघवार तक विस्तारित कर दिया गया है। इससे पहली बार रीवा से सीधी जिले तक सीधी रेल सेवा की शुरुआत होगी।


बनेगी 171 किमी लंबी रेलवे लाइन, पहले चरण में 71 किमी तैयार

ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना के तहत रीवा से सिंगरौली तक कुल 171 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जानी है। इसके पहले चरण में रीवा से बघवार तक लगभग 71 किमी ट्रैक लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें पांच रेलवे स्टेशनों का निर्माण भी प्रस्तावित है। इनमें प्रमुख स्टेशन हैं:

  1. बांसा (गोविंदगढ़)
  2. रघुनाथपुर (बघवार)
  3. रामपुर नैकिन
  4. चुरहट
  5. सीधी

रेलवे के अनुसार, इन स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि स्थानीय यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।


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ट्रायल के दौरान इन बिंदुओं की हुई जांच

हाई स्पीड ट्रायल के दौरान रेलवे ने निम्न तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की:

  • ट्रैक की मजबूती और स्थायित्व
  • सिग्नलिंग व्यवस्था की सटीकता
  • सुरक्षा और आपातकालीन इंतजाम
  • लोकोमोटिव की ब्रेकिंग और संतुलन प्रणाली

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, सभी परीक्षण संतोषजनक पाए गए हैं और मार्ग पर यात्री सेवा शुरू करने में कोई तकनीकी बाधा नहीं है।


बड़ी चुनौतियां, लेकिन समाधान भी तैयार

रीवा से सीधी के बीच पहाड़ी और जटिल भू-भाग को देखते हुए रेलवे को कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 3.34 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण उन्हीं में से एक था, जिसे अब पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त, सोन नदी पर पुल निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जो परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।


वन विभाग से क्लियरेंस की प्रतीक्षा

रीवा से सिंगरौली की ओर दूसरे छोर पर सतना-पन्ना सेक्शन में वन विभाग की आपत्तियों के कारण कार्य कुछ समय से रुका हुआ था। रेलवे सूत्रों के अनुसार, पर्यावरणीय स्वीकृति जल्दी मिलने की संभावना है, जिसके बाद उस हिस्से पर भी तेजी से काम शुरू हो जाएगा।


स्थानीय जनता और व्यापारियों को मिलेगा लाभ

इस रेलवे लाइन के शुरू होते ही न सिर्फ सीधी और रीवा के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को भी गति मिलेगी। साथ ही यह मार्ग पर्यटन की दृष्टि से भी नए अवसर लेकर आएगा।

रीवा से सीधी तक नई रेलवे लाइन न केवल भौगोलिक दूरी को कम करेगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव को भी मजबूत बनाएगी। हाई स्पीड ट्रायल की सफलता इस ओर संकेत कर रही है कि अब रेलवे की गाड़ी जल्द ही सीधी तक दौड़ने वाली है। अब केवल कुछ औपचारिक निरीक्षण बाकी हैं, जिसके बाद इस पर यात्री ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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