– जिले के कालाजार प्रभावित गांव में रोगियों की खोज के लिए शुरू हुआ अभियान
– 15 दिनों तक घर-घर जाकर लोगों में कालाजार के लक्षणों की जांच करेंगी आशा कार्यकर्ताएं
छपरा, 20 जून | जिले में कालाजार के नए मरीजों की खोज के लिए 20 जून से अभियान शुरू किया गया है । जिसके सफल संचालन के लिए बीते दिन आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया गया। जिसमें उन्हें आशा कार्यकर्ताओं के साथ साथ डर्मल लीशमैनियासिस (पीकेडीएल) के लक्षणों की पहचान के साथ साथ रेफर करने के संबंध में भी जानकारी दी गई। इस क्रम में सोनपुर अनुमंडल अस्पताल में आशा फैसिलिटेटर और कार्यकर्ताओं के उन्मुखीकरण के साथ साथ अभियान का शुभारंभ भी किया गया।
जिसमें अनुमंडल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. हरिशंकर चौधरी ने उन्हें अभियान की बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन, सरकार ने देश से इस बीमारी को मिटाने के लिए 2023 का लक्ष्य रखा है। जो डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य से काफी आगे है। इस लिए सरकार का पूरा फोकस वेक्टर जनित रोगों के उन्मूलन पर है।
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लक्षण पाए जाने पर जांच के लिए तत्काल करें रेफर :
डॉ. हरिशंकर चौधरी ने बताया कि कालाजार प्रभावित गांवों में आशा कार्यकर्ताएं घर-घर जाकर लोगों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान करेंगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी में कालाजार या पीकेडीएल के लक्षण पाए गए तो उन्हें तत्काल जांच और इलाज के लिए रेफर करें। जिसके बाद उनकी जांच की जाएगी। जांच में कालाजार की पुष्टि होने पर संबंधित गांव में इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) छिड़काव भी किया जाएगा। जिससे प्रभावित इलाकों के अन्य लोगों को कालाजार से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि आईआरएस के पूर्व आशा कार्यकर्ताएं संबंधित इलाके में जाकर लोगों को दवाओं के छिड़काव की जानकारी देंगी। साथ ही, उन्हें छिड़काव के पूर्व और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों की भी दी जानकारी दी जाएगी।
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एक दिन में 50-50 घर में होगी लोगों की स्क्रीनिंग :
वीबीडीएस पंकज कुमार पूर्वे ने बताया कि विभाग के द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार एक आशा एक दिन में 50-50 घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी। जिसकी प्रतिदिन की रिपोर्टिंग के साथ साथ अनुश्रवण भी किया जाएगा। अभियान में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि नए रोगी फिर से न मिलें इसके लिए नियमित रूप से सक्रिय रोगी खोज अभियान साथ चलाया जा रहा है। वहीं पूर्व में जिस गांव में कालाजार के मरीज मिले हैं, वहां कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए आईआरएस छिड़काव नियमित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में अस्पताल मैनेजर मृत्युंजय कुमार, स्वास्थ्य मैनेजर ओम प्रकाश, बीसीएम पूनम भारती समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भी हिस्सा लिया।
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Publisher & Editor-in-Chief