छपरा : हर दिन बढ़ते तापमान को देखते हुए लू से बचाव और संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। लू लगने का सबसे अधिक खतरा वृद्ध, गर्भवती और नवजात शिशुओं को रहता है। इसके अलावा लगातार तेज धूप में रहने से भी लू का खतरा रहता है। लू तब लगती है जब व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्य तापमान से बढ़ जाता है। छपरा शहर के श्यामचक स्थित संजीवनी नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉ अनिल कुमार ने बताया की लू से बचाव का एक मात्र तरीका सावधानी रखना है। लू लगने के कारण व्यक्ति बीमार हो जाता है।
यदि समय पर उसे इलाज नहीं मिले तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है, इसलिए लोग लापरवाही न बरतें और ऐसी शिकायत होने पर तुरंत इलाज लें। जब रोगी के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है तब लू लगती है। प्रचंड गर्मी में पसीने के साथ में शरीर में संचित नमक और पानी बाहर निकलता है जिसके कारण रक्त और नाड़ी की गति तेज हो जाती है।
सांस लेने की दर भी ठीक नहीं रहती है और शरीर में धीरे धीरे ऐंठन शुरू हो जाती है। लू लगने के कारण बुखार काफी तेज हो जाता है, आंखें व हाथ-पैरों के तलवों में जलन होती है। इससे आदमी बेहोश हो सकता है, बहुत अधिक गर्मी और जलन होने से रोगी के शरीर में बेचैनी हो जाती है, मुंह सूखना, गला सूखना, बार-बार प्यास लगना जैसे लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं।
लू से बॉडी का बचाव कैसे करें:
गर्मी में बॉडी का लू से बचाव करने के लिए पानी का अधिक सेवन करें।
लिक्विड का सेवन ज्यादा करें। लिक्विड में फ्रूट जूस और ओआरएस का सेवन ज्यादा करें।
खीरा,तरबूज और अनार का सेवन करें।
गर्मी में ज्यादा समय तक रहने से बचें।
ठंडे तापमान में रहें।
कॉटन के कपड़े पहनें।
शहर के नगरपालिका चौक स्थित यदुवंशी राय मोमोरियल हॉस्पिटल के हार्ट स्पेस्लिस्ट डॉ हिमांशु कुमार ने बताया की इन दिनों पारा उच्च स्तर पर होता है बहुत गर्म और शुष्क हवाएं बहती हैं। व्यक्ति गर्म हवा और धूप के संपर्क में देर तक रहता है, या उसका चेहरा सिर देर तक धूप में गर्म हवा के संपर्क में आता है, तो लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। लू से बचने के लिये खूब पानी पिए और धूप से बचे।
डॉ हिमांशु कुमार ने कहा- लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है।अगर आप 40 डिग्री पारा में लम्बे समय तक रहते हैं तो आपको हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक हो सकता है जिसे लू लगना कहते हैं। लू लगने से बॉडी के कई जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। लू का असर ब्रेन,किडनी,लीवर,दिल और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। पानी की कमी से किडनी काम ठीक से नहीं कर पाती और बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। लू लगने से मरीज के बाकी अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है और मरीज की मौत भी हो सकती है।
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