•दवा की उपलब्धता और ऑक्सीजन समेत अन्य तैयारियां रखने का आदेश
•एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है वायरस
छपरा। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है। डीएम और सिविल सर्जन को हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दवा समेत अन्य तैयारी रखने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक सामान्य श्वसनतंत्रीय वायरस है, जिसके लक्षण कोरोना की ही तरह हैं। पिछले कई दिनों से चीन के कुछ इलाकों में इसके मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। चीन की ओर से इसे मौसमी इन्फ्लुएंजा माना जा रहा है। अब तक भारत में गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के 714 केस सामने आए, जिसमें 9 मामले लैब टेस्ट में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस पॉजिटिव पाया गया है।
ड्रग्स-ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें :
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में इन्फेलुजा एंव सिवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया का सर्विलांस सुनिश्चित किया जाएं। कोविड 19 से संबधित ड्रग्स, कीटस, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, मास्क इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी हेल्थ वर्कर को को प्रशिक्षण दिया जाए। इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस को मॉनिटरिंग करें।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस:
स्वास्थ्य विभाग के जारी एडवाइजरी के अनुसार ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के सबसे आम लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ तथा गंभीर मामलों में ब्रोंकाइटिस और निमोनिया है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने या छींकने से फैलता है, संक्रमित व्यक्ति को छूने, संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख या नाक का संपर्क होने से फैल सकता है। सर्दी और शुरुआती वसंत में यह 3 से 6 दिनों तक प्रभावित कर सकता है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव के क्या हैं उपाय?
कोरोना में जिस तरह से बचाव के उपाय अपनाए जाते थे, इसमें भी उसी तरह के उपायों को अपनाना है।
• हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना है।
• गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह को नहीं छूना है।
• संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखनी है।
• खांसते एवं छींक के समय मुंह को रूमाल से ढंकना जरूरी है।
• संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए वस्तुओं को लगातार साफ करना है।
• संक्रमण की अवधि में खुद को घर में ही आइसोलेट करना है।
• छोटे बच्चे, 60 वर्षों से अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले को विशेष ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
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