New Fourlane Road: पटना से बेतिया तक बनेगा नया ग्रीनफिल्ड फोरलेन सड़क, भूमि अधिग्रहण ने पकड़ी रफ्तार
अरेराज से साहेबगंज तक 34 मौजा में अधिग्रहण तेज

बिहार डेस्क। बेतिया से पटना तक प्रस्तावित नई फोरलेन सड़क (एनएच 139 डब्ल्यू) के निर्माण को लेकर पूर्वी चंपारण में गतिविधियां तेज हो गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ चुकी है। यह सड़क न केवल यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई देगी।
34 मौजा में होगा भूमि अधिग्रहण, कई पर कार्य शुरू
इस फोरलेन परियोजना के तहत अरेराज से साहेबगंज के बीच कुल 34 मौजा में भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इनमें से चार मौजों—सिकंदरापुर, जागापाकड़, चंद्रहिया और जलहां—का पंचाट घोषित किया जा चुका है, यानी वहां अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
वहीं, 26 मौजों का 3जी प्राक्कलन स्वीकृत हो चुका है और संबंधित इलाकों में पंचाट निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है। शेष चार मौजों में दर निर्धारण की प्रक्रिया अभी जारी है, जिसे प्रशासन शीघ्र पूरा करने की दिशा में अग्रसर है।
पूरी तरह ग्रीनफील्ड परियोजना, कम होगा विवाद
इस फोरलेन को लेकर एक बड़ी बात यह है कि यह पूरी तरह ग्रीनफील्ड क्षेत्र से होकर गुजरेगी, यानी यह सड़क किसी पुराने मार्ग को चौड़ा करने की बजाय नई दिशा में विकसित की जा रही है। इससे भूमि अधिग्रहण में विवाद की संभावना कम होगी और निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के तेजी से आगे बढ़ेगा।
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पुराने मार्ग की सीमाएं, नई फोरलेन से राहत
फिलहाल बेतिया से पटना जाने के लिए लोग अरेराज होकर पुराने संकीर्ण मार्ग का उपयोग करते हैं, जो कई जगहों पर जर्जर है और इससे यात्रा में अत्यधिक समय और परेशानी का सामना करना पड़ता है। नई फोरलेन सड़क बनने से बेतिया से पटना का सफर अधिक सुगम, सुरक्षित और समय की बचत वाला हो जाएगा। अनुमान है कि वर्तमान में लगने वाले समय से एक तिहाई कम वक्त में यह दूरी तय की जा सकेगी।
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पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
नई फोरलेन सड़क न केवल परिवहन को आसान बनाएगी, बल्कि पूर्वी चंपारण के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच को भी बेहतर बनाएगी। विशेष रूप से अरेराज स्थित सोमश्वरनाथ महादेव मंदिर और केसरिया का विश्वप्रसिद्ध बौद्ध स्तूप जैसे पर्यटन स्थलों तक देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच आसान हो जाएगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
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प्रशासनिक तैयारी और अगली कार्यवाही
जिला प्रशासन ने अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। संबंधित गांवों में जनसुनवाई और मुआवजा निर्धारण को लेकर विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही शेष मौजों की दर निर्धारण प्रक्रिया पूरी कर अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई और तेज हो सके।
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बेतिया-पटना फोरलेन निर्माण परियोजना न केवल पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण के लोगों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी देगी, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। सरकार की यह पहल ‘नई सड़क, नया विकास’ की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।