अब बिहार में पुलिसकर्मियों को हवाई सफर से होटल रहने तक का खर्च उठाएगी सरकार
पुलिसकर्मियों को अब नहीं करना होगा जेब से खर्च

पटना। बिहार सरकार ने पुलिस विभाग में कार्यरत सवा लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत दी है। पुलिस मुख्यालय ने उनकी वेतन संरचना के आधार पर यात्रा, दैनिक, विराम और सेवांत लाभ से जुड़ी नई एवं पुनरीक्षित भत्ता दरें जारी कर दी हैं। इन संशोधित दरों के लागू होने से पुलिसकर्मियों को सरकारी काम से यात्रा या स्थानांतरण के दौरान बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी, साथ ही भत्ते के भुगतान में भी समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
यात्रा भत्ते की नई व्यवस्था: वेतन स्तर के आधार पर
पुलिस मुख्यालय के एडीजी (बजट/अपील/कल्याण) कमल किशोर सिंह द्वारा जारी नई मार्गदर्शिका में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी यात्राओं (सड़क, रेल या हवाई) पर किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति वेतन स्तर के आधार पर की जाएगी।
वेतन स्तर | यात्रा माध्यम |
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8 से 10 | पूर्व अनुमति पर हवाई यात्रा |
6 से 12 | रेलवे में AC 2nd क्लास |
5 से कम | बस/ऑटो से यात्रा भत्ता |
नई व्यवस्था के तहत, पुलिसकर्मी को सरकारी कार्य हेतु ठहरने पर होटल खर्च का प्रतिपूर्ति भी उनके वेतन स्तर के अनुसार किया जाएगा:
वेतन स्तर | पटना (रु./दिन) | अन्य शहर (रु./दिन) |
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5 व इससे कम | ₹500 | ₹300 |
6 से 9 | ₹1500 | ₹1000 |
11 से 13A | ₹3500 | ₹2500 |
14 व उससे अधिक | ₹5000 | ₹4000 |
लोकल ट्रैवल भत्ता दरें (Local Conveyance)
राज्य के अंदर-बाहर हवाई या रेल यात्रा के बाद स्थानीय परिवहन के लिए तय दरें:
वाहन प्रकार | दर (रु./किमी) |
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AC टैक्सी | ₹23 |
टैक्सी | ₹20 |
निजी कार | ₹15 |
ऑटो रिक्शा | ₹10 |
दोपहिया वाहन | ₹5 |
बस | वास्तविक किराया |
पुलिस मुख्यालय ने यात्रा भत्ते के भुगतान को समयबद्ध बनाने के लिए सख्त टाइमलाइन भी तय की है:
- 3 तारीख तक: पुलिस चौकी से यात्रा भत्ता प्रस्ताव भेजना
- 10 तारीख तक: प्रस्ताव पुलिस कार्यालय को प्राप्त
- 20 तारीख तक: जांच प्रक्रिया पूर्ण
- 25 तारीख तक: बिल तैयार करना
- 7 तारीख (अगले महीने): भुगतान सुनिश्चित
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
पुलिस मुख्यालय ने सभी क्षेत्रीय व जिला स्तर के अधिकारियों को इन निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन के निर्देश दिए हैं। इससे जहां पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं समय पर भुगतान से पुलिसकर्मियों का मनोबल भी ऊंचा होगा।
बिहार पुलिस की यह पहल कर्मचारियों को सुव्यवस्थित वित्तीय सहायता, संतुलित व्यय प्रतिपूर्ति, और मानवीय कार्य-परिस्थितियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है। इससे न सिर्फ पुलिस बल की कार्यक्षमता में सुधार आएगा, बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा भी मजबूत होगी।