रेल इतिहास में नया अध्याय, पंजाब से कश्मीर तक पहुँची सीमेंट लदी पहली मालगाड़ी
600 किलोमीटर सफर तय कर कश्मीर पहुँची मालगाड़ी

रेलवे डेस्क। कश्मीर घाटी में लॉजिस्टिक और आर्थिक विकास का नया अध्याय लिखते हुए, पंजाब के रूपनगर से पहली बार एक मालगाड़ी अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुँची। इस ऐतिहासिक यात्रा ने घाटी को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से सीधा जोड़ दिया है, जिससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की रफ्तार तेज होने और स्थानीय अर्थव्यवस्था में नए अवसर बनने की उम्मीद है।
21 वैगनों में आया 600 किलोमीटर दूर से सीमेंट
इस उद्घाटन मालगाड़ी में सीमेंट से लदे 21 बीसीएन वैगन शामिल थे। करीब 600 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ट्रेन ने यह यात्रा 18 घंटे से भी कम समय में पूरी की। मालगाड़ी के आगमन से घाटी में सड़कों, पुलों, सार्वजनिक सुविधाओं और आवासीय भवनों सहित कई प्रमुख निर्माण परियोजनाओं को गति मिलेगी।
सटीक योजना और तेज निष्पादन
इस ऐतिहासिक सफर के लिए लॉजिस्टिक व्यवस्था बारीकी से की गई। 7 अगस्त 2025 को रात 11:14 बजे उत्तर रेलवे को इंडेंट भेजा गया, जिसके बाद 8 अगस्त की सुबह 9:40 बजे रेक की व्यवस्था की गई। उसी दिन शाम 6:10 बजे लदान पूरा हुआ और 6:55 बजे ट्रेन रूपनगर स्थित गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड (GACL) सुविधा से रवाना हुई। इस ट्रेन को आधुनिक इलेक्ट्रिक WAG-9 लोकोमोटिव (लोको संख्या 32177, TKD, ट्रिप 08/09) ने खींचा, जो भारतीय रेलवे की तकनीकी और परिचालन क्षमता को दर्शाता है।
लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी में मील का पत्थर
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह केवल माल परिवहन की शुरुआत है। आने वाले समय में घाटी में खाद्य सामग्री, निर्माण सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति संभव होगी, जिससे लागत में कमी आएगी और स्थानीय कारोबारियों व उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलेगा।
प्रगति और एकीकरण का प्रतीक
इस पहली मालगाड़ी का आगमन केवल एक परिचालन उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के अन्य हिस्सों के साथ कश्मीर घाटी के गहरे आर्थिक और सामाजिक एकीकरण का प्रतीक है। यह कदम घाटी में रोजगार, निवेश और विकास की संभावनाओं को और मजबूती देगा।