छपरा। जिले में ड्रोन का प्रयोग वन विभाग से लेकर पुलिस व प्रशासन के साथ कृषि विभाग भी कर रही है सबसे पहले शादी-विवाह में फोटो व वीडियो शूट के लिए दिखाई दिया , लेकिन अब किसान के खेतों में भी कीटनाशक एवम तरल उर्वरक के छिड़काव के लिए भी उड़ रहे हैं। जो विभागीय स्तर पर आसानी से किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकारी स्तर पर आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसे लेकर कई योजनाएं भी चलाई जा रही है।
सारण जिले में भी खेती किसानी का आधुनिकीकरण हो रहा है। इन दिनों किसानों में ड्रोन से खेतों में नैनो यूरिया और कीटनाशक के छिड़काव का प्रचलन बढ़ने लगा है। किसानों की इसमें दिलचस्पी भी बढ़ी है। ड्रोन से छिड़काव करने के कारण नैनो यूरिया का प्रयोग भी बढ़ रहा है और लगभग 7 से 8 मिनट में एक एकड़ में छिडकाव भी हो जाता है । जिसमे समय और पानी दोनों की बचत होती है और कीटनाशक या तरल उर्वरक की बर्बादी भी नही होती है जिससे किसानों को काफी सुविधा भी हो रही है।
कृषि विभाग उपलब्ध करा रहा है ड्रोन
कृषि विभाग के पौधा संरक्षण संभाग की ओर से ड्रोन से कीटनाशी छिड़काव योजना के तहत किसानों को सस्ते दर पर ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए जिला स्तर पर में द्रोणियार एविएशन एजेंसी को नियुक्त किया गया है। जिसके माध्यम से ड्रोन से खेतों में कीटनाशी व तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाना है। जिसमे सरकारी दर 480 रुपये प्रति एकड़ है वही सरकार 50% अनुदान भी दे रही है जिसमे किसान को एक एकड़ के लिए सिर्फ 280 रुपये खर्च होने होंगे और जैसा कीटनाशक या तरल उर्वरक का छिड़काव करना है अपने इक्षा के अनुरूप खुद खरीद कर छिड़काव करवा सकते है वहीं किसानों को उस कीटनाशक के खरीद पर 50% अनुदान भी पौधा संरक्षण सम्भाग द्वारा दी जा रही है।
अनुदानित दर पर किसान खरीद सकते हैं ड्रोन
ड्रोन से कृषि कार्य को बढ़ावा देने को लेकर विभागीय स्तर पर किसानों को अनुदानित दर पर ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को ड्रोन की खरीद पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान है। योजन के चयनित लाभार्थी अनुदान की 60 प्रतिशत राशि, अधिकतम 3.65 लाख रुपये तक का अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिले में प्रति अनुमंडल एक लक्ष्य दिया गया है दिया जाता है। किसान अनुदानित राशि के बाद शेष राशि का ही भुगतान कर ड्रोन खरीद सकते हैं। इसके लिए किसानों को कृषि यांत्रीकरण के ओएफएमारणस पोर्टल पर आवेदन करना होगा। पोर्टल पर 25 दिसंबर तक आवेदन किया जा सकेगा।
लॉटरी के माध्यम से चयन
लाभार्थियों का चयन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा।वही पौधा संरक्षक निदेशक राधेश्याम कुमार ने बताया कि किसानों को अनुदानित मूल्य पर ड्रोन की सुविधा दी जा रही है। किसान आवेदन कर किसी भी फसल व क्षेत्र में यह सुविधा पा सकते है। किसान को ड्रोन खरीद के लिए 60 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जा रहा है। इसके लिए किसान को विभाग के पोर्टल पर 25 दिसंबर तक आवेदन करना आवश्यक है।
ड्रोन से कीटनाशी दवा छिडकाव को लेकर किसानों को विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के बाद संबंधित एजेंसी के कर्मी विभागीय कर्मी की मौजूदगी में खेतों पर पहुंचकर दवा का छिड़काव करते हैं। रकबा के अनुसार एजेंसी के कर्मी निर्धारित दर से पैसे लेते हैं। सरकारी योजना के तहत ड्रोन से केवल कीटनाशी दवा छिड़काव का प्राविधान है। इसके साथ नैनो यूरिया का भी छिड़काव कराया जा सकता है।
किसानों को एक एकड़ फसल में ड्रोन से कीटनाशी दवा छिड़काव के लिए मात्र ढाई सौ रुपए के करीब खर्च करना पड़ता है। ड्रोन से छिड़काव करने पर दवा समान रूप से सभी पौधे पर पड़ता है। किसान को दवा छिड़काव के लिए मजदूर खोजने, एक्सप्रे मशीन खरीदने या किराए पर लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। किसान रूचि भी ले रहे हैं। अब तक लगभग 156 किसानों ने आवेदन भी किया है।
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