सारण तटबंध पर डबल लेन सड़क का होगा निर्माण, डीएम ने किया स्थलीय निरीक्षण

छपरा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

छपरा। जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा सारण तटबंध के 40.00 किमी से 80.00 किमी तक पथ को डबल लेन किए जाने के संदर्भ में संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने तटबंध के दोनों ओर प्रस्तावित मार्ग की स्थिति का गहनता से अध्ययन किया। सारण तटबंध का यह क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र बाढ़ नियंत्रण और जल निस्सरण के लिए रणनीतिक रूप से संवेदनशील है, साथ ही यह मार्ग क्षेत्रीय परिवहन के लिए भी अहम है।

डबल लेन में बनेगा सड़क

सारण तटबंध के इस हिस्से को डबल लेन में तब्दील करने का निर्णय पहले से ही लिया गया था, और आज के निरीक्षण में आवश्यक बुनियादी ढांचे को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान प्रस्तावित मार्ग की चौड़ाई, फुटपाथ, नालियों तथा अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं की जांच की। साथ ही, इस मार्ग पर यातायात बढ़ने के कारण आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए भी कुछ उपायों पर विचार किया गया।

इस संयुक्त स्थलीय निरीक्षण में जिलाधिकारी सारण अमन समीर के अलावा अभियंता प्रमुख, जल संसाधन विभाग, बिहार, मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण गोपालगंज क्षेत्र, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, छपरा, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल, सोनपुर तथा अंचलाधिकारी, मकेर भी उपस्थित थे।

क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी

सारण तटबंध के 40.00 किमी से 80.00 किमी तक पथ को डबल लेन किए जाने से स्थानीय परिवहन की स्थिति में सुधार होगा, जिससे न केवल क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि आपातकालीन स्थिति में भी त्वरित सहायता पहुँचाने में आसानी होगी। इस परियोजना का उद्देश्य सड़क की क्षमता को बढ़ाना और क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त बनाना है।

साथ ही, तटबंध की सुरक्षा और बाढ़ नियंत्रण के दृष्टिकोण से यह भी महत्वपूर्ण है कि इस निर्माण कार्य के दौरान जल निकासी, सड़क की मजबूती और पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाए। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में कोई भी संरचनात्मक या पर्यावरणीय नुकसान न हो।  इस तरह के परियोजनाओं से न केवल स्थानीय लोगों की यातायात सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।