डॉक्टर्स डे स्पेशल: गरीबों के लिए धरती के भगवान है छपरा के ये चिकित्सक

छपरा

•अपने कर्तव्यों को बखूबी निर्वहन कर गरीबों के लिए बने है मसीहा

छपरा। शहर के कुछ ऐसे चिकित्सक जो धरती के भगवन कहे जाने वाले कहावत को अपने कर्तव्य से चरितार्थ कर रहे है। देशभर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया मनाया जाता है। यह दिन जीवन बचाने वाले डॉक्टरों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन उन सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जश्न मनाने का दिन है, जो बड़े पैमाने पर समाज की सेवा कर रहे हैं। आइये जानते हैं सारण के कुछ डॉक्टर्स की कहानी।

शहर के श्यामचक संजीवनी नर्सिंग होम के संचालक एवं प्रसिद्ध चिकित्सक भारत ज्योति अवार्ड से सम्मानित फिजिशियन एवं रि – कंस्ट्रक्टिव सर्जन डॉ अनिल कुमार जो अपने संस्थान में बेहतर सुविधा के साथ ईलाज तो करते ही है लेकिन गरीब असहाय मरीजों के लिए निःशुल्क इलाज के साथ -साथ दवा का भी प्रबंध करते रहते है। कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए लोंग हो या आग के अघोस में अपने आसियाना खोए हुए लोग लचार पिता के बेटियों की शादी करना हो हमेशा वैसे असहाय के लिए सेवा भाव से समर्पित रहते है। यहां तक की अपना जन्मदिन हो या मैरेज ऐंवरसरी वो भी अपने मरीजों के साथ मनाते है। जो ईलाज कराने के लिए आते है जो जरूरत मंद होते है जिनको कपड़ा मिठाई, महिलाओं को साडी वितरण करते है। जिले में सबसे कम पैसे में ईलाज करने के लिए खास कर जाने जाते है डॉ अनिल कुमार जब से ई अपना संजीवनी नर्सिंग होम खोले है तब से लेकर आज तक मात्र सौ रूपये परामर्श के रूप में लेते है।

निःशुल्क इलाज के साथ स्वस्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने में इनका है अहम योगदान

शहर के श्यामचक स्थित संजीवनी नर्सिंग होम की मदर टरेसा एक्सलेंट एवार्ड से सम्मानित स्त्री प्रस्तुति व इनफर्टिलिटी रोग विशेषज्ञ डॉ संजू प्रसाद आधुनिक सुविधाओं के साथ सबसे काम पैसे में इलाज करती है तथा गरीब लचार महिलाओं का निःशुल्क ऑपरेशन भी करती है। इनका मुख्य उदेश्य है अपने शहर में ही लोगों को बेहतर इलाज मिले बड़े शहरों में भटकना ना पड़े। इन्होंने कई ऐसे क्रिटिकल ऑपरेशन कर मरीजों की जान बचाने में अपना अहम योगदान दी है। समय समय पर हर रोग के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर कर मरीजों को जागरूक करती रहती है और बताती है कि ईलाज से ज़्यादा जरूरी होता है सजग होना। हम लोग खुद चाहते है कि लोग अपने स्वस्थ्य के प्रति जागरूक रहे और डॉक्टर के पास आने की नौबत न आये. इसीलिए समय समय लोगों को जागरूक किया जाता है।

यह चिकित्सक गरीबों के लिए भगवान से कम नहीं, विधवा पेंशन और वृद्धा पेंशनधारियों का करते है मुफ्त में ईलाज

शहर के नगरपालिका चौक स्थित यदुवंशी राय मेमोरियल हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ हिमांशु कुमार जिन्होंने समाज में एक अलग ही पहचान बहुत ही कम समय में स्थापित किया है। गरीब असहाय मरीजों का आइसीयू में भर्ती कर निःशुल्क ईलाज के साथ मुफ्त दवा देते है और भोजन कराते है। इतना ही नहीं क्लिनिक में इलाज कराने के लिए आ रहे मरीजों के लिए अनोखा पहल करते हुए विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन एवं वृद्ध असहायों का मुफ्त में ईलाज कर रहे है। ठेला, रिक्शा, चलाने वालों, सब्जी, ठेला पर भूंजा बेचने वालों के लिए विशेष शिविर आयोजित कर इलाज करते है दवा देते है और भोजन भी कराते है इतना ही नहीं जिले के सभी पंचायत प्रतिनिधि को पत्र जारी कर सुचना दिये है की आपके क्षेत्र के कोई भी गरीब असहाय मरीज है उसको इलाज की जरूरत है तो आपके अनुशंसा पर मेरे अस्पताल में भर्ती होने पर बिल का 50% छोड़ दिया जायेगा अगर वो उतना भी देने में सक्षम नहीं है तो पूरा बिल माफ कर दिया जायेगा। यह सिलसिला गरीब एक वर्षो से चल रहा है और इसके तहत इन्होंने हजारों ऐसे मरीज का इलाज कर चुके है आगे भी कर रहे है।

नौनिहालो को मौत मुंह से बाहर निकाल कर डॉक्टर फर्ज निभा रही है इशिका

सदर अस्पताल में पदस्थापित व नगरपालिका चौक स्थित देव रक्षित न्यूबॉर्न एंड चाइल्ड केयर की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ इशिका सिन्हा जो नवजात शिशुओं के लिए अपने अस्पताल में विशेष सुविधा रखी है और इलाज के साथ समय समय पर निःशुल्क कैंप आयोजित कर परामर्श देती है मुफ्त में दवा उपलब्ध कराती है। इतना ही नहीं गरीब बस्ती में जिनको पढ़ने का कोई साधन नहीं है वैसे बच्चों के पाठ्य समाग्री, मिठाई होर्लिंक्स स्कूली बैग, पानी का बोतल आदि का वितरण करती नजर आती रहती है।

जो मरीज जीने की उम्मीद खो देते है उनको नया जीवन देते है चिकित्सक

शहर के गोपेश्वर नगर स्थित बालाजी अर्थो केयर के संथापक प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेन्द्र कुमार जो बेहतर सुविधा के साथ वैसे मरीजों के लिए हमेशा समर्पित रहते है जिनका कोई सहारा नहीं होता है। यहां हमेशा गरीब लाचार बेसहारा मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन करते है उनको नया जीवन देने का काम करते है। इंसान को नया जीवन देने के साथ पेड़ पौधों से भी लगाव है । पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ अपने आसपास पेड़ पौधा लगाकर उसकी देखभाल भी अपने मरीजों की तरह करते हैं।

डॉक्टर पेशे के नाम को ऊचाई तक ले जाने में अपना कर्तव्य निभा रहे है यह चिकित्सक

व्यवसायीकरण के इस भाग दौड़ में यहां गरीब असहाय को कौन पूछे, कई बार तो ऐसे भी मामले सामने आते है की 20 रुपया कम होने पर डॉक्टर के पास नंबर नहीं लगा। लेकिन इस धरती पर ऐसे भी डॉक्टर है जो बेसहारा गरीब मरीजों के लिए सहारा बनते नजर आते है
ऐसे ही एक डॉक्टर की हम बात कर रहे है। सदर अस्पताल में पदस्थापित व दरोगा राय चौक पुरानी चिड़ाई घर जाने वाले गली में अपना निजी क्लिनिक संचालित कर रहे है डॉ संदीप कुमार यादव शिशु रोग विशेषज्ञ है 24 घंटे इमरजेंसी सेवा उपलब्ध है। बच्चों को बेहतर इलाज के साथ वैसे गरीब असहाय मरीजों का निःशुल्क इलाज करते है जिनका कोई सहारा नहीं होता. निःशुल्क इलाज के साथ दवा मुफ्त में भी देते है. इमरजेंसी में भर्ती वैसे गरीब बच्चों के परिजन से पैसा भी नहीं लेते है जिनके पास देने के लिए नहीं है। जो मजदूरी करते है और अपना पेट पालते है उनके लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं है।

जब कोई दरवाजा नहीं खुलता है तब यहाँ से जगती है उम्मीद :

शहर के श्यामचक स्थित डॉ आरएन यादव आई हॉस्पिटल में सेवा दे रहे डॉ संदीप यादव, जो शहर के एकलौते न्यूरो सर्जन है। छपरा में सप्ताह में एक दिन रविवार को ओपीडी सेवा दे रहे है. उसके बाद पटना के सगुना मोड़ स्थित मार्स स्पेसलिटी हॉस्पिटल संचालित कर रहे है. छपरा से पटना जाने वाले मरीजों को जब कही सहारा नहीं मिलता है तब यह अपने यहा भर्ती कर कम पैसे में इलाज करते है। पटना जैसे बड़े शहर में गरीब असहाय को कौन पूछे इलाज के नाम पर बड़े बड़े हॉस्पिटल में मोटी रकम ले लिया जाता है। सरकारी हॉस्पिटल में ऐसे लोग इलाज से वंचित रह जाते है. वैसे मरीज जब भी इनका दरवाजा खटखटाते हैं. तो खुला पाते है और कम पैसे में डॉ संदीप यादव इलाज करते है। वैसे मरीज जिनको कोई सहारा नहीं है उनका निःशुल्क इलाज करते है।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित कर करते है इलाज

शहर के नगरपालिका चौक स्थित देव रक्षित एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉक्टर रितेश कुमार रवि अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन करते है। इसके साथ ही गरीब बेसहारा मरीजों को फ्री में जांच करते है. इसके साथ ही अपने बड़े भाई डॉ हिमांशु कुमार के साथ जिले के अलग अलग प्रखंड में अपने बड़े पापा के नाम से निःशुल्क स्वस्थ्य शिविर आयोजित कर इलाज करते है। लोगों को स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करते रहते है. तथा दवा वितरण करते है। इनका चिकित्सक बनने का मुख्य उदेश्य है गरीब असहाय लोगों का इलाज करना।

असहाय मरीजों का सहारा बनते है आनंद :

शहर के योगिनिया कोठी स्थित श्री साईं अर्थो केयर सेंटर के चिकित्सक हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद कुमार जो हमेशा अपने कार्य को ईमानदारी-मेहनत और लगन से करते है। गरीब असहाय लोगों के लिए अपने क्लिनिक में निःशुल्क इलाज के कैंम्प आयोजित कर इलाज करते है। लोगों को स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करना इनका मुख्य उदेश्य है। दिन दुःखिया मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन करते रहते है।