Railway News: अब टकराएंगी नहीं ट्रेनें, छपरा से बाराबंकी तक रेल पटरियों पर बिछेगा ‘सुरक्षा का कवच’
अत्याधुनिक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ से होगा लैस

छपरा। रेल हादसों को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ने छपरा से बाराबंकी के बीच 438 किलोमीटर लंबे रेल खंड को अत्याधुनिक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ (Kavachch) से लैस करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस परियोजना के तहत टॉवर लगाने का कार्य प्रारंभ हो गया है और टेंडर प्रक्रिया भी जारी है। रेल प्रशासन का दावा है कि अगले तीन माह के भीतर इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
कैसे काम करता है ‘कवच’?
एनईआर के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार, ‘कवच’ प्रणाली जीपीएस (GPS) और रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) पर आधारित है। यह तकनीक ट्रेन के रेड सिग्नल पार करने पर स्वतः ब्रेक लगा देती है, जिससे संभावित टक्कर की घटनाओं को रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, अगर किसी दुर्घटना की आशंका होती है, तो 5 किलोमीटर के दायरे में चल रही सभी ट्रेनों का संचालन स्वतः रुक जाएगा।
इस प्रणाली में लोको पायलट द्वारा गलती किए जाने पर ऑडियो और वीडियो अलर्ट भी जारी किए जाते हैं, जिससे समय रहते सुधार की गुंजाइश रहती है। इससे न केवल तकनीकी रूप से सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि मानव त्रुटि के कारण होने वाले हादसों को भी रोका जा सकेगा।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शैक्षणिक सहयोग
रेलवे की इस स्वदेशी तकनीक को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) और भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान के बीच समझौता (MoU) साइन किया गया है। इसके तहत अब विद्यार्थी भी इस उन्नत तकनीक का अध्ययन कर सकेंगे और सुरक्षा तकनीकों के विकास में अपनी भागीदारी दे सकेंगे।
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पहले भी हो चुका है परीक्षण
गौरतलब है कि 4 मार्च 2022 को इस ‘कवच’ प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया था। इसके बाद इसे भारतीय रेलवे के व्यापक नेटवर्क पर लागू करने की स्वीकृति मिली थी। छपरा-बाराबंकी रेल मार्ग के महत्व और घनी यात्री आवाजाही को देखते हुए इस रूट पर इसे पहले चरण में लागू किया जा रहा है।
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यात्री होंगे अधिक सुरक्षित
रेल प्रशासन का मानना है कि इस प्रणाली से यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ ट्रेनों का संचालन भी अधिक सुगम, समयबद्ध और नियंत्रित हो सकेगा। आने वाले समय में ‘कवच’ तकनीक पूरे देश में रेलवे सुरक्षा के नई रीढ़ के रूप में स्थापित होगी।