सारण में बाढ़ को लेकर DM ने जारी किया अलर्ट, ओवरलोडिंग नावों के परिचालन पर रोक, घाटों पर चौकीदार की तैनाती
सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश, बच्चों के स्नान पर भी लगाम

छपरा। गंगा, गंडक, बागमती और कोसी समेत राज्य की कई प्रमुख नदियों में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। नदियों के उफान पर आने के कारण सारण जिले में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने विशेष पत्र जारी करते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने कहा है कि सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अब नावों के संचालन और नदी किनारे गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
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जलस्तर में वृद्धि, कई स्थानों पर पुल-पुलिया पर पानी
विशेष शाखा से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर डीएम ने कहा कि नदियों का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। इसके कारण कहीं-कहीं सड़क, पुल-पुलिया और डायवर्सन पर पानी बहने लगा है, जिससे आवागमन में भारी कठिनाई उत्पन्न हो रही है।
दियारा क्षेत्र में ओवरलोड नावों की सूचना, हादसे की आशंका
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों खासकर दियारा इलाके में लोगों की रोजमर्रा की आवश्यकताओं के चलते नावों से आवागमन बढ़ गया है। डीएम ने बताया कि निजी नाव मालिकों द्वारा क्षमता से अधिक लोगों को नावों पर बैठाकर पार किया जा रहा है। कहीं-कहीं तो नावों पर वाहन और जानवरों को भी लादने की सूचना मिली है, जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
डीएम ने कहा कि नौका संचालन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी, नाविकों की अज्ञानता, जीवन रक्षक उपकरणों की कमी, ओवरलोडिंग और एक ही नाव में मनुष्य व पशुओं का एक साथ सफर दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ाता है।
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नाबालिगों के नदी में कूदकर तैरने की घटनाएं चिंताजनक
कई घाटों पर स्थानीय छोटे-छोटे बच्चों द्वारा नदी में छलांग लगाकर तैरने और नहाने की सूचना प्रशासन को मिली है, जिससे जानलेवा दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। इस पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
जिलाधिकारी के निर्देश के प्रमुख बिंदु:
- घाटों पर चल रही सभी नावों को निबंधित किया जाए और संचालन में आदर्श नौका परिचालन नियमावली, 2011 का सख्ती से अनुपालन हो।
- ओवरलोडिंग पर सख्त रोक, नावों में वाहनों और जानवरों को लादने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए।
- सूर्यास्त के बाद नावों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
- घाटों पर चौकीदारों की तैनाती सुनिश्चित की जाए ताकि हादसों की रोकथाम के साथ विधि-व्यवस्था भी बनी रहे।
- नदी घाटों पर बैनर लगाकर लोगों को जलस्तर की जानकारी और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया जाए।
- लाउडस्पीकर से उद्घोषणा कर बच्चों को नदी किनारे जाने से रोका जाए, साथ ही स्नान करने के खतरे से अवगत कराया जाए।
डीएम अमन समीर ने अधिकारियों से कहा है कि वे अपने स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित करें और रिपोर्ट समय-समय पर समर्पित करें। इस आदेश के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में है और संवेदनशील घाटों पर निगरानी तेज कर दी गई है।