सारण में प्रखंडस्तर पर हाथीपाँव के मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का हो रहा वितरण

छपरा
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•स्वास्थ्य विभाग के द्वारा माइक्रोप्लान के तहत किया जा रहा वितरण

•मरीजों के दर्द को कम करने में सहायक साबित हो रही है किट

छपरा,13 जून। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी जिसे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में कई वर्ष के बाद यह हाथीपांव, बढ़े हुए हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में लक्षण दिखाई देता है। जो कालांतर में मरीज को दिव्यांगता की ओर ले जाता है। जिसे लोगों को बचाने और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार और विभाग पूरी तरह से तत्पर है। जिसको लेकर सारण जिले के सभी प्रखंडों में मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) क्लिनिक खोला जा रहा है।

साथ ही, फाइलेरिया के हाथीपांव मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। ताकि, किट का इस्तेमाल कर फाइलेरिया मरीज अपनी बीमारी की रोकथाम कर सकें। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रखंड स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार किया गया।

किट के प्रयोग से फाइलेरिया मरीजों को राहत:
डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की देखभाल को स्वास्थ्य विभाग एमएमडीपी किट मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है। किट के प्रयोग से फाइलेरिया मरीजों को काफी राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलता है। सामान्यत: यह संक्रमण शुरुआती बचपन में ही हो जरूरी नहीं, यह बीमारी कई वर्षों बाद प्रकट होती है। इस प्रकार, सामान्य एवं स्वस्थ्य दिखनेवाले व्यक्ति को कुछ सालों बाद पैरों , हाथों एवं शरीर के अन्य भाग में अत्यधिक सूजन उत्पन्न होने लगती है।

फाइलेरिया का शरीर पर प्रभाव एवं लक्षण :
जिला वेक्टर जनित सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि इसका प्रभाव अस्वस्थ्य त्वचा पर होता है। इसके कारण प्रभावित अंगों में दर्द, लालपन एवं रोगी को बुखार हो जाता है। हाथ-पैर, अंडकोष व शरीर के अन्य अंगों में सूजन के लक्षण होते हैं। प्रारंभ में या सूजन अस्थायी हो सकता किन्तु बाद में स्थायी और लाइलाज हो जाता है। वहीं गंभीर रूप से पीड़ित फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।

फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के इस्तेमाल की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, उन्हें फाइलेरिया के प्रभावित अंगों जैसे हाथों और पैरों की साफ सफाई के साथ उन्हें व्यायाम की भी जानकारी दी गई। किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी सैप्टिक क्रीम, सूती तौलिया इत्यादि सामान शामिल हैं।