सोमवार, 12 फरवरी, बिहार की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा. 28 जनवरी को एनडीए में शामिल होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और आज फ्लोर टेस्ट में भी पास हो गए। नीतीश सरकार को 129 वोट मिले। 28 जनवरी को, नीतीश कुमार ने राज्यपाल को 128 विधायकों का समर्थन दिया था। इसके बाद तेजस्वी यादव ने खेला करने की बात कही, लेकिन नीतीश कुमार ने पास होकर वही खेल में फेल हो गया।
तेजस्वी यादव ने अपने घर में महागठबंधन के सभी विधायकों को नजरबंद करके रखा, लेकिन इससे कोई लाभ नहीं हुआ। तीन विधायकों ने उनका पाला छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए। जेडीयू को कोई चुनौती नहीं मिली, लेकिन आज विधानसभा में सुरसंड से विधायक दिलीप राय नहीं पहुंचे।
एक नजर में देखिए कैसे फ्लोर टेस्ट में पास हुए नीतीश
- कुल विधायक- 243
- बहुमत का आंकड़ा- 122
- एनडीए- 129
- बीजेपी- 78
- जेडीयू-43 (विधानसभा अध्यक्ष महेश्वर हजारी ने वोट नहीं किया)
- हम- 04
- निर्दलीय- 01
- महागठबंधन-112
- आरजेडी- 76 (79 थे, तीन विधायक ने सरकार के पक्ष में वोट किया)
- कांग्रेस- 19
- लेफ्ट- 16
- एआईएमआईएम- 01
हालांकि पहले से यह चर्चा हो रही थी कि बीजेपी के तीन और जेडीयू के तीन विधायक संपर्क में नहीं हैं, लेकिन अंत तक बीजेपी के सभी 78 विधायक पहुंच गए जबकि जेडीयू के 44 विधायक आए. हम पार्टी के चार विधायक और निर्दलीय के एक विधायक ने फ्लोर टेस्ट में वोटिंग की. सरकार के पक्ष में 129 वोट मिले जबकि विपक्ष ने वोट नहीं नहीं किया.
अब यह आंकड़ा जान लें कि सरकार के पक्ष में 129 वोट कैसे आए. बीजेपी के सभी 78 विधायकों ने वोट किया. जेडीयू के 43 विधायकों ने वोटिंग की जबकि जेडीयू के एक विधायक महेश्वर हजारी जो विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं और आज अध्यक्ष पद की कमान संभाले हुए थे तो उन्होंने वोटिंग नहीं की. जीतन राम मांझी की पार्टी हम के चार विधायक एवं निर्दलीय एक एमएलए ने वोट किया. आरजेडी से पाला बदलकर जेडीयू खेमे में तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव शामिल हो गए. सरकार के पक्ष में वोट कर दिया. आरजेडी के तीन विधायकों को जोड़ दिया जाए तो कुल संख्या 131 होती है. जेडीयू के एक विधायक नहीं आए जिसके बाद संख्या 130 हो गई. महेश्वर हजारी के वोट नहीं देने पर सरकार के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े.