बिहार में हो रही राजनीतिक घड़बड़ी के बारे में जानकारी देने के लिए, नीतीश कुमार के एनडीए में जाने के बाद तेजस्वी यादव को कई सुनहरे अवसर प्राप्त हो सकते हैं। नीतीश कुमार की अधिग्रहण के बाद, तेजस्वी यादव ने सकारात्मक रूप से सियासी प्रक्रिया में अपनी भूमिका में वृद्धि करने का फैसला किया है। यहां कुछ मुख्य फायदे हैं जो तेजस्वी यादव को हो सकते हैं:
सियासी पिच पर खुलकर खेलने का मौका: नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से बाद, तेजस्वी यादव को सियासी पिच पर खुलकर खेलने का एक सुनहरा मौका मिलेगा। वह अपने दल के साथ मिलकर नीतीश कुमार की राजनीतिक खोजों का मुकाबला कर सकते हैं।
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लोकसभा चुनाव में चुनौती देने की क्षमता: तेजस्वी यादव को लोकसभा चुनाव में चुनौती देने का एक बड़ा अवसर मिलेगा। नीतीश कुमार के विधायकों का समर्थन प्राप्त करके, वह बहुमत साबित करने की कोशिश कर सकते हैं और राजनीतिक परिवर्तन की संभावना बढ़ा सकते हैं।
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राजनीतिक गठबंधनों में बढ़त: तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के अलावा भी राजनीतिक गठबंधनों में शामिल होने का सुनहरा अवसर हो सकता है। यह उन्हें और भी विभिन्न समूहों और दलों के साथ मिलकर काम करने का मौका देगा।
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आपत्तियों का सामना करने की क्षमता: नीतीश कुमार के एनडीए के जाने से उनके विरोधी दलों को आपत्तियों का सामना करने की अधिक क्षमता हो सकती है। तेजस्वी यादव को चुनौती देने का तत्परता उन्हें राजनीतिक मायने में मजबूती प्रदान कर सकता है।
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विभिन्न वर्गों और समुदायों का समर्थन: नीतीश कुमार के अनुयायी वर्गों और समुदायों के बीच विचारशीलता में कमी हो सकती है। तेजस्वी यादव को इस अवसर का उपयोग करके विभिन्न वर्गों और समुदायों को अपनी ओर खींचने का प्रयास करना हो सकता है।
नीतीश कुमार के जाने से तेजस्वी यादव को होने वाले 5 फायदे
1.तेजस्वी यादव को अब खुद की छवि को चमकाने का मौका मिलेगा। जबकि, इससे पहले उन्हें किसी भी काम में नीतीश कुमार को भी श्रेय देना होता था।
2.नीतीश कुमार के पाले के मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ खींचने का मौका मिलेगा, क्योंकि, भाजपा के साथ जाने के चलते नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक वोटरों का नुकसान हो सकता है।
3.लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर अब माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि इससे पहले जेडीयू की 16 सीटों की डिमांड ने आरजेडी की टेंशन बढ़ा दी थी।
4.तेजस्वी यादव, शिक्षक नियु्क्ति का क्रेडिट लेकर शिक्षकों के परिवार का वोट लेने की कोशिश करेंगे। लोगों को बताएंगे कि हमारे प्रयास से ही 2 लाख से अधिक शिक्षकों को नौकरी दी गई।
5.नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाकर, भाजपा की तरफ गए यादव वोटरों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेंगे।
बिहार विधानसभा सीटों का गणित
आरजेडी- 79 विधायक
बीजेपी- 78 विधायक
जेडीयू-45
कांग्रेस – 19
लेफ्ट-16
AIMIM – 1
हम पार्टी-4
निर्दलीय- 1
नीतीश कुमार ने क्यों दिया इस्तीफा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने तेजस्वी यादव अकेले ही हर चीज का क्रेडिट लेने में लग गए थे। इसके बाद कई तरह की बातें हुईं। हमने आरजेडी के साथ बहुत तालमेल बिठाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन पाई, इसलिए हमलोगों ने इस गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया।
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