क़ृषिबिहार

Bamboo Kheti: बांस की बागवानी से बढ़ेगी किसानों की कमाई, सरकार दे रही 60 हजार प्रति हेक्टेयर अनुदान

सारण समेत 27 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

पटना। बिहार सरकार किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर देने के लिए अब बांस की खेती पर अनुदान मुहैया करा रही है। कृषि विभाग के अधीन उद्यान निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय बांस मिशन योजना लागू की गई है। इस योजना का मकसद राज्य में बागवानी विकास को बढ़ावा देना और किसानों को स्वरोज़गार से जोड़ना है।

इस योजना का लाभ राज्य के 27 जिलों के किसान उठा सकते हैं। बांस की खेती के लिए किसानों को 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान मिलेगा, जबकि खेत की मेड़ पर बांस लगाने पर प्रति पौधा 150 रुपये की सहायता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा।

बांस की खेती पर अनुदान देकर बिहार सरकार जहां एक ओर इसके उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी ओर इसके जरिए किसानों की आय बढ़ाना भी मकसद है। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर स्वरोगजार को बढ़ावा देना है।

इस योजना का लाभ बिहार के 27 जिलों के किसान ले सकते हैं। इन जिलो में अररिया, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णियाँ, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल, वैशाली एवं पश्चिम चम्पारण शामिल हैं।

पहले आओ पहले पाओ के तहत मिलेगा योजना का लाभ

योजना का लाभ, पहले आओ पहले पाओ, के आधार पर दिया जायेगा। एक ही परिवार में पति एवं पत्नी योजना के लाभुक हो सकते हैं बशर्ते पति एवं पत्नी के नाम से अलग-अलग भूमि निबंधित हो तथा भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र अलग-अलग हो।

योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को अपने आवेदन के साथ भूमि-स्वामित्व प्रमाण पत्र या दो वर्ष पूर्व से अपडेटेड राजस्व रसीद या ऑनलाईन अपडेटेड रसीद या वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व का प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व का बांस रोपण तथा खेत के मेड़ पर बांस रोपण करने के लिए सहायतानुदान दिया जायेगा।

60 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से मिलेगा अनुदान

निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व के बांस रोपण के लिए न्यूनतम रकवा 0.04 हेक्टेयर (10 डिस्मील) से अधिकतम 0.2 हेक्टेयर (50 डिस्मील) तक का लाभ दिया जायेगा, जबकि खेत के मेड़ पर प्रति किसान कम से कम 10 पौधा देने का प्रावधान है।

निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व के बांस रोपण अवयव की इकाई लागत 1.2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है। जिसका 50 प्रतिशत यानि 60 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दो वर्षों (60:40) में दिया जायेगा। अर्थात मिलने वाले अनुदान का 60 प्रतिशत पहले वर्ष में और 40 प्रतिशत दूसरे वर्ष में मिलेगा। जबकि खेत के मेड़ पर बांस का पौधा लगाने के लिए प्रति पौधा इकाई लागत 300 रूपये का 50 प्रतिशत यानि 150 रूपये प्रति पौधा की दर से दो वर्षों (60:40) में अनुदान दिया जायेगा।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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