छपरा

सारण में बिना रेरा निबंधन वाले आर्या कंस्ट्रक्शन समेत 10 बिल्डर्स पर बड़ी कार्रवाई, 1.35 करोड़ का जुर्माना

14 प्रोजेक्ट्स की रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज पर रोक

छपरा। बिहार में रियल एस्टेट सेक्टर को पारदर्शी और नियोजित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार ने सैटेलाइट तकनीक का उपयोग कर सारण जिले में नियमों की अनदेखी कर चल रहे 14 प्लॉटेड डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट्स का पर्दाफाश किया है। रेरा ने इन प्रोजेक्ट्स को बिना निबंधन के संचालित करते हुए पाया और 10 प्रमोटर्स पर कुल 1.35 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका है। साथ ही, इन प्रोजेक्ट्स से संबंधित जमीनों की रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

इन प्रमोटर्स पर हुई कार्रवाई

प्राधिकरण ने जिन प्रमोटर्स के खिलाफ कार्रवाई की है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

  1. आर्या कंस्ट्रक्शन
  2. बोल्ड इंडिया इन्फ्रा
  3. ग्रीन होम्स बिल्डटेक
  4. लावण्या इंडिया डेवलपर
  5. सारण प्रॉपर्टीज
  6. शीतल बिल्डटेक
  7. टीसीडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड
  8. डीवाईन बिल्डकोन
  9. निधिवन होम्स
  10. टेक्नोकल्चर बिल्डिंग सेंटर

रेरा की रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी प्रमोटर बिना रेरा निबंधन के प्लॉटों की बिक्री कर रहे थे, जो भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 का स्पष्ट उल्लंघन है।

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सैटेलाइट से हुई गड़बड़ी की पहचान

रेरा बिहार ने मई 2025 से Imagery Based Inspection (IBI) नामक तकनीकी पहल की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत सैटेलाइट चित्रों का विश्लेषण कर यह देखा गया कि कहां पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य हो रहा है। इन चित्रों के आधार पर KLM फाइलें तैयार की गईं, जिनमें स्थल का अक्षांश और देशांतर दर्ज किया गया। इसके बाद रेरा की तकनीकी टीमों और जिला प्रशासन की मदद से स्थलीय निरीक्षण कर परियोजनाओं की पुष्टि की गई।

सारण जिला इस IBI अभियान का पहला टारगेट बना। निरीक्षण के बाद रेरा ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इन मामलों में न्यायिक कार्रवाई प्रारंभ की और दोषी प्रमोटर्स को नोटिस देकर जुर्माना लगाया। साथ ही, महानिरीक्षक (निबंधन) और अंचलाधिकारियों को निर्देश जारी किए गए कि इन प्रोजेक्ट्स से संबंधित किसी भी प्लॉट की न तो रजिस्ट्री की जाए और न ही दाखिल-खारिज की अनुमति दी जाए।

रेरा अध्यक्ष का बयान

रेरा बिहार के अध्यक्ष  विवेक कुमार सिंह ने कहा, “प्राधिकरण का उद्देश्य है कि हर खरीददार को पारदर्शी और वैध प्रोजेक्ट में निवेश का अवसर मिले। IBI पहल उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम घर और प्लॉट खरीदने वाले लोगों से अपील करते हैं कि वे सिर्फ रेरा निबंधित प्रोजेक्ट्स में ही निवेश करें।” श्री सिंह ने यह भी जानकारी दी कि सारण, भागलपुर और पूर्णिया के बाद अन्य जिलों में भी यह तकनीकी निगरानी मुहिम चलाई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

रेरा की यह ऐतिहासिक तकनीकी पहल न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश में रियल एस्टेट नियमन के क्षेत्र में एक मिसाल बन रही है।खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए यह सख्त कदम आने वाले समय में और असरदार सिद्ध होगा।

क्या है IBI तकनीक?

  • IBI का पूर्ण रूप: Imagery Based Inspection
  • सैटेलाइट चित्रों के ज़रिए निर्माण स्थलों की निगरानी
  • गूगल अर्थ आधारित KLM फाइलों से सटीक पहचान
  • स्थलीय निरीक्षण और स्थानीय प्रशासन की रिपोर्टिंग
  • दोषियों पर स्वतः संज्ञान लेकर न्यायिक कार्रवाई

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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