सेहत डेस्क। जिंदगी में जो सबसे अनप्रिडिक्टेबल चीज होती है वह इंसान की सेहत होती है. कब अच्छे खासे इंसान को कौन सी बीमारी लग जाए. क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता. बीमार होने पर लोग डॉक्टर के पास जाते हैं. डॉक्टर लोगों को दवाइयां देते हैं. डॉक्टर जो दवाई प्रिसक्राइब्ड करते हैं. मरीज उन दवाओं को मेडिकल स्टोर से खरीदते हैं.
लेकिन कई बार दवा खाने के बाद भी लोगों की सेहत पर कुछ असर नहीं पड़ता और सेहत ठीक होने के बजाय बिगड़ने लगती है. इसलिए होता है क्योंकि आप जो दवाइयां मेडिकल स्टोर से खरीदते हैं वह असली नहीं नकली होती है. मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदने वक्त कैसे पता कर सकते हैं दवाई असली है या नकली चलिए आपको बताते हैं.
ऐसी पता करें दवाई असली है या नकली
जब आप मेडिकल स्टोर पर दवाई खरीदने जा रहे हैं. तो दवा लेते वक्त यह जरूर देखने कि जो आप दवाई ले रहे हैं वह असली है या नहीं. उसके लिए आप दवाई की पैकेजिंग को देखकर पता लगा सकते हैं. नकली दवाइयां की पैकेजिंग आपको ठीक से नहीं मिलेगी. उसके साथ ही आपको उसमें जानकारी भी पूरी क्लियर लिखी नहीं मिलेगी.
अगर ऐसा होता है तो समझ जाए कि आपके हाथ में जो दवा है वह नकली है. असली दवाओं की पैकेजिंग एकदम सही होती है. और उन पर पूरी जानकारी भी बड़े स्पष्ट तौर पर लिखी होती है. तो इसके साथ ही हर दवा पर एक खास तरह का यूनिक कोड भी प्रिंट होता है.
यूनिक कोड होता है जरूरी
आपको जब भी पता करना दवा असली है या नकली तो उसका यूनिक कोड जरूर देखें. यूनिक कोड में दबा के मैन्युफैक्चरिंग डेट से लेकर उसकी पूरी सप्लाई चैन के बारे में इनफॉरमेशन होती है. क्योंकि दवाई का रेपर और दवाई तो कॉपी की जा सकती है लेकिन उसका यूनिक कोड कॉपी नहीं किया जा सकता.
हमेशा विश्वसनीय मेडिकल स्टोर पर जाएं
शहरों में कई मेडिकल स्टोर होते हैं अक्सर लोग समय बचाने के लिए किसी भी मेडिकल से दवा खरीद लेते हैं. जबकि ऐसा करना ठीक नहीं है. दवा को हमेशा विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से करें. इसके बारे में आपको पता हो. डॉक्टर की प्रिसक्राइब की गई दवा को एक बार डॉक्टर को भी जरूर दिखाएं. डाॅक्टर दवा को देखते ही बता देंगे दवा असली है या नकली.
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