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Railway Line Project: वाराणसी-औड़ीहार के बीच तीसरी रेल लाइन को मिली मंजूरी, 13 गांवों के 1800 बीघा भूमि अधिग्रहण

तीसरी लाइन से ट्रेनों की गति और संख्या में होगा इजाफा

वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे के यात्रियों और मालवाहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेलवे बोर्ड ने वाराणसी-औड़ीहार जंक्शन के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह प्रस्तावित तीसरी लाइन लगभग 35 किमी लंबी होगी, और इसके सर्वेक्षण कार्य के लिए 70 लाख रुपए की राशि रेलवे द्वारा स्वीकृत कर दी गई है।

तीसरी लाइन से ट्रेनों की गति और संख्या में होगा इजाफा

वाराणसी-औड़ीहार खंड पर फिलहाल ट्रेनों की अधिक संख्या और सीमित दोहरी लाइन की व्यवस्था के कारण ट्रेनों का संचालन बाधित हो रहा है। इस रूट पर प्रत्येक दिन लगभग 43 यात्री ट्रेनें और एक दर्जन से अधिक मालगाड़ियाँ गुजरती हैं। जिससे ट्रेन परिचालन में विलंब और ट्रेनों की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तीसरी लाइन के निर्माण से न सिर्फ ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि ट्रेनों का समयबद्ध परिचालन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार

तीसरी रेल लाइन का लाभ सिर्फ ट्रैफिक मैनेजमेंट तक सीमित नहीं रहेगा। इसका सीधा सकारात्मक असर गाजीपुर के औद्योगिक विकास पर भी पड़ेगा। रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे धीरे-धीरे औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है। तीसरी रेल लाइन इन क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी जिससे नए उद्योगों की स्थापना, रोजगार के अवसर और निवेशकों की रुचि को बढ़ावा मिलेगा।

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औद्योगिक गलियारों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद तहसील के अंतर्गत आने वाले 13 गांवों में लगभग 1800 बीघा भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। यहां विकसित हो रहे औद्योगिक गलियारों को तीसरी रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे गाजीपुर को एक नई औद्योगिक पहचान मिलेगी।

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व्यापारिक मार्गों पर भी मिलेगा लाभ

वाराणसी सिटी, गाजीपुर, छपरा, मऊ, मंडुआडीह, भटनी, गोरखपुर और जौनपुर के लिए जाने वाली वस्तुओं की ढुलाई में अब सुगमता आएगी। वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही सीमित होने से मालवाहन की गति धीमी रहती है, लेकिन तीसरी रेल लाइन से ट्रैफिक बॉटलनेक खत्म होगा, और व्यापारिक वस्तुएं तेज़ी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।

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रेलवे का “जंक्शन नेटवर्क” होगा और मज़बूत

औड़ीहार स्टेशन को रेल विभाग एक मिनी जंक्शन के रूप में विकसित कर रहा है। नई तीसरी लाइन के बाद इसे जोड़ने वाले नेटवर्क और भी मजबूत हो जाएंगे। इससे रेलवे की लॉजिस्टिक्स क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

वाराणसी-औड़ीहार के बीच तीसरी रेल लाइन की मंजूरी एक दूरदर्शी कदम है, जिससे न सिर्फ ट्रेनों का संचालन बेहतर होगा बल्कि गाजीपुर और आस-पास के जिलों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को नई ऊर्जा मिलेगी। यह निर्णय पूर्वांचल को रेल संपर्क और औद्योगिक बुनियादी ढांचे की दृष्टि से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला साबित हो सकता है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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