छपरा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने सारण समाहरणालय सभागार में आयोजित फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (आईडीए) की उच्च स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन को लेकर सारण प्रमंडल के चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जिलाधिकारी अमन समीर सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक किया। समाहरणालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जिले के सभी प्रखंडों से बीडीओ, एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम सहित कई अन्य अधिकारी ऑनलाइन जुड़े हुए थे।
दवा खाने वाले लाभुकों को हो सकती है मामूली परेशानी, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं: संयुक्त सचिव
इस दौरान संयुक्त सचिव ने राजीव मांझी ने कहा कि सारण प्रमंडल सहित राज्य के कई अन्य जिलों में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिस दौरान आशा या अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पहले तीन दिन बूथ स्तर पर दवा खिलाया गया है जबकि अन्य कार्य दिवास के दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम के द्वारा गृह भ्रमण कर सामने ही दवा खिलाया जा रहा है। हालांकि दवा खाने के बाद हल्की सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अगर आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया के परजीवी है तो दवा खाने वाले लाभुकों को उल्टी, सिर दर्द, चक्कर, गर्मी होने जैसी शिकायतें हो सकती है घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ ही देर में सब कुछ सामान्य हो जाती है। हालांकि इस तरफ की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में संबंधित आशा कार्यकर्ता या सरकारी अस्पतालों सहित जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना अविलंब देना होगा। ताकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाई करने के लिए गठित टीम पहुंच कर उसका उपचार करने का काम करेगी।
अफवाह को करें नजरंदाज अधिक से अधिक लोगों को खिलाएं फाइलेरिया रोधी दवाएं: संयुक्त सचिव
संयुक्त सचिव ने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवा खिलाए जाने के दौरान कुछ जगहों से अफवाहें फैलाई जा रही है कि दवा खराब है या दवा खाने के बाद तबियत बिगड़ गई है। तो इस तरह की अफ़वाह पर ध्यान नहीं दें। लेकिन हाथीपांव जैसी बीमारी को ठीक करने नही बल्कि रोकने के लिए आप सभी दवा का सेवन करें। ताकि सारण प्रमंडल ही नही बल्कि पूरे राज्य और देश से फाइलेरिया जैसी बीमारी को मिटाया जा सके। अफ़वाह एक ऐसी आग है जो बिना आग और हवा के आसानी से जोर पकड़ लेती है। कुछ ऐसी ही अफवाह सारण प्रमंडल सहित कई अन्य जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाई जाने वाली दवा को लेकर पकड़ी है। बिना सच्चाई जाने ही कुछ बच्चों में सामान्य लक्षण पर ही लोगों के बीच भ्रम फैलने लगी है। हालांकि कुछ ही समय में सब कुछ सामान्य होने की भी सूचना को प्रचारित करें। ताकि दिग्भ्रमित होने वाले को पता चल सके कि ऐसी कोई घटना नही हुई है।
फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को यह भ्रम है कि दवा खाने से कुछ हो जाएगा। लेकिन आप सभी को पता है कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित है। हालांकि जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायते आयी है, उनके क्षेत्र में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है। लेकिन आप इसे आसान शब्दों में समझें तो यह है कि दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी- मोटी शिकायत हो सकती है। हालांकि इसके जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक, जीविका, ग्रामीण विकास, नगर पालिका, जनवितरण प्रणाली, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज सहित कई अन्य के द्वारा सहयोग किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि प्रथम तीन दिन बूथ स्तर पर सुक्रत्या ऐप के अनुसार 374489 लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया गया है। जबकि 15 फरवरी से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर खिलाया जा रहा है।
संयुक्त सचिव और जिलाधिकारी ने संयुक्त रूप से जिलेवासियों से की अपील:
सावधानियां:
खाली पेट में यह दवा नही खिलाना है।
दवा खाने के बाद अनिवार्य रूप से एक ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए।
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चें, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नही खिलाना है।
पूर्ण रूप से दवा सुरक्षित है। अतः सभी लोग इसका सेवन करें और अफवाहों से बचें।
जिलेवासियों को विशेष रुप से अपील:
बुखार, सिर दर्द, शरीर दर्द, उल्टी जैसा लगना या उल्टी होने के कुछ अंतराल के बाद स्वतः समाप्त हो जाता है। हालांकि जब ऐसी उत्पन्न होती है तो संबंधित पर्यवेक्षक या रेपिड रिस्पॉन्स टीम के द्वारा ईलाज किया जाता है।