छपरा में खानुआ नाला पर दो साल बाद फिर से अतिक्रमित कर बनाई गईं 64 दुकानें, इधर 161 दुकानों को तोड़ने का आदेश

छपरा
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छपरा। दो साल पहले 19 अगस्त 2021 को खनुआ नाला पर बनाये गये 286 दुकानों को एनजीटी के आदेश पर तोड़ा जाना शुरु हुआ था। 127 दुकानें टूटी भी। हाईकोर्ट के स्टे लगने के बाद दो साल तक रुका रहा। अब पुनः दो साल बाद फिर बचे 161 और दुकानों को नोटिस कर तोड़ा जायेगा। इसके अलावे जिला प्रशासन और 64 ऐसे दुकानों को चिन्हित किया है जो खुद से दुकान बना रखें है। इन लोगों ने छपरा कोर्ट से रोक लगा लिया था। लेकिन लगाई गईं। रोक हट गया है। लिहाजा अब जिला प्रशासन इन 64 दुकानों को भी तोड़ेगी। इसमें 64 व्यक्ति का इंच बाई इंच अतिक्रमण व खेसरा नंबर के साथ सूचीबद्ध कर जारी कर दिया गया है। इस 64 में दुकान के अलावे शौचालय व मकान व बाउंड्री व अन्य निर्माण है। इसकी सूची पहले भी बनी थी। अतिक्रमणकारी में इंजीनियर डॉक्टर व अधिवक्ता भी शामिल है। अचरज की बात है कि एक तरफ शौचालय व अतिक्रमण की सूची जारी की जा रही है और दूसरी तरफ मौना-साढ़ा में शौचालय को रिमॉडलिंग किया जा रहा है। डीलक्स मॉडल बनाया जा रहा है। यह सरासर कानून का उल्लंघन है। जिला प्रशासन द्वारा जारी सूची में 64 अतिक्रमण चिन्हित है। इसमें सेक्शन नंबर 37 में पांच लोगों का नाम, सेक्शन 38 में नौ नाम, सेक्शन 33 में चार, सेक्शन 31 में छह लोगों का नाम, सेक्शन 34 में सबसे अधिक नाम यानि 23 है। सेक्शन 26 में 15 अतिक्रमण को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया गया है।

मौना साढा में अतिक्रमित कर बनाया जा रहा है शौचालय:

याचिकाकता वेटरन फोरम के राष्ट्रीय महासचिव व विंग कमांडर डॉ. बीएनपी सिंह ने कहा कि शहर से जलनिकासी की व्यवस्था करने के लिए खनुआ नाला को मूल स्वरुप में लाना ही होगा। 1995 के बाद नियम को ताख पर रखकर दुकानें बना दी गई। इतना ही नहीं सैकड़ों ऐसे लोग है जो खुद के दुकान, मकान और शौचालय व बाउंड्री आदि निर्माण कर अतिक्रमण कर रखें है। उनकी सूची जिला प्रशासन बनाई है। पुन: दो साल बाद फिर 286 में से बची 161 और दुकानों को नोटिस कर तोड़ी जाएंगी।

नाला पर नगर निगम ने 286 दुकानें बनाई थी:

वेन्ट्स फोरम के महासचिव विंग कमांडर डॉ. बीएनपी सिंह ने कहा कि खनुआ नाला पर हो रहे निर्माण के बावत एनजीटी ने दिसंबर माह में रिपोर्ट मांगी है। यहां सवाल है कि शहर का पानी कहां निकलें? पानी को संशोधित कर घाघरा नदी में निकासी की जायेगी। इसके लिए निगम पहल करें। जो जिला प्रशासन ने नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा है। उसके के अनुसार नाला के ऊपर रास्ता बनेगा। शहर के खनुआ नाला का मौना साढ़ा में कई बस्ती उस पार है। ऐसे में पुलिया और ढक्कन का निर्माण कराना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खनुआ नाला के निर्माण को लेकर एक अनुश्रवण समिति बनाये। ताकि हो रहे निर्माण पर निगरानी रखी जा सके। मंच का संचालन प्रो. पृथ्वीराज सिंह कर रहे थे।

क्यों तोड़ी गईं दुकानें

खनुआ नाला के स्वरूप में परिवर्तन, वाटर एक्ट का उल्लघन डॉ. बीएनपी सिंह की माने तो खनुआ नाला के वास्तविक स्वरूप में परिवर्तन वाटर एक्ट का उल्लंघन है। इसके तहत कोई भी नहर नदी के स्वरूप में परिवर्तन या छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर सख्त कानून है। इसी आधार पर खनुआ नाला मामले में वेन्ट्स फोरम के महासचिव व विंग कमांडर डॉ. बीएनपी सिंह ने एनजीटी में 2016 में याचिका दायर की जिसमें एनजीटी ने खनुआ नहर को मूल स्वरुप में लाने का आदेश किया।

इन लोगों ने भी किया है कब्जा

सेक्शन 33 | खनुआ नाला का खेसरा नंबर 9219 में दो भागों में अतिक्रमण है।

पहल भाग-214 फीट गुना 12 फीट का 18 दुकान, दूसरा 230 गुना 12 फीट का 24 दुकान, 623 गुना 12 फीट का दुकान है। दूसरा भाग – सुनील कुमार व्याहुत द्वारा 70 फीट गुना 2 फीट का चबूतरा बनाया गया।

सेक्शन 34| खेसरा नंबर – 8953 व 12339 जिसकी लंबाई 675 136,30,18,33 फीट है। जिसमें नगरपालिका द्वारा नाले के ऊपर दुकान बनाई गई है। इसके अलावे मौना पर भी दुकान बना है। खेरा नंबर-8818 नाले के मुहाने पर पूर्ण रूप से भरा गया है और भोला व झगरु साह द्वारा कब्जा किया गया है। राजनाथ मांझी 25 गुना 20 फीट की झोपड़ीनुमा दुकान बनाये है। मुरारी प्रसाद द्वारा 8 गुना 10 फीट पक्का मकान साथ ही 10 गुना 10 का करकट नुमा कब्जा, सत्यनारायण मांझी द्वारा 10 गुना 10 फीट की झोपड़ी, लालबाबू मांझी, राजकिशोर मांझी, शंकर मांझी, मोहन मांझी, श्रीभगवान मांझी, छठीलाल मांझी, वकील राय, रामजी चौधरी, सुभाष राय, नंदुजी द्वारा अतिक्रमण किया गया है।

सेक्शन-26/ खनुआ नाला खेसरा नंबर8380 की लंबाई 1435 व चौड़ाई 33,40 व0 फीट है जिसके ऊपर नगरपालिका द्वारा 20 गुना 40 फीट का डॉ. शांति राय, डॉ. अभय राय, डॉ. हिमांशु राय, डॉ. सारिका राय द्वारा 180 गुना 40 फीट में चहारदीवारी घेरा गया है। विजय कुमार सिंह, डॉ. विरेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, विजय शर्मा, कुमार चन्द्र शर्मा, पंचम शर्मा द्वार दिवाल व करकट गिराकर अतिक्रमण किया गया है।