27 फरवरी से 1 मार्च तक पटना शहर के लोगों को तीन सौगातें मिलेंगी। हमने नई तकनीक से लैस तारामंडल तैयार किया है। जहां आपको ऐसा महसूस हो जैसे आप चंद्रमा या मंगल ग्रह पर चल रहे हों। बापू के जीवन की बारीकियों को समझने के लिए एक बापू टावर भी बनाया गया है. परिणामस्वरूप, पीएमसीएच में चार नई सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। जानिए पूरी जानकारी.
पीएमसीएच: 27 से मिलेंगी चार नई सुविधाएं
पीएमसीएच को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के पहले चरण के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 फरवरी को पांच नई सुविधाओं की सौगात देंगे. इसके तहत चार नई सुविधाएं ओपीडी, मल्टी लेवल गैरेज, एक ब्लड बैंक और एक गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रीन ग्रिड की आधारशिला भी रखेंगे, जिसकी लागत 250 करोड़ रुपये होगी. इसके निर्माण से पीएमसीएच बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जायेगी. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि इसके बाद जैसे-जैसे निर्माण कार्य पूरा होगा, चिकित्सीय सुविधाएं बहाल हाेती जायेंगी. उद्घाटन के बाद दूसरे चरण का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि 5,462 बेड के साथ पीएमसीएच दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल होगा। अभी यहां 1800 बेड है.
तारामंडल: आपको ऐसा महसूस होगा की आप मंगल ग्रह और चंद्रमा पर चल रहे हैं
तारामंडल की पहली फ्लोर पर “अंतरिक्ष खगोल विज्ञान गैलरी” का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। यहां दर्शकों को 26 प्रदर्शनियों में सितारों की दुनिया के रूबरू कराया जायेगा. इस प्रदर्शनी में एक ऐसी सतह लगायी जा रही है, जहां जब आप वीआर पॉड पर चलते हैं तो आपको ऐसा लगता है जैसे आप चांद या मंगल ग्रह पर चल रहे हैं। 600 वर्गफुट एरिया में बन रही इस गैलरी पर दो करोड़ रुपये खर्चकिये जा रहे हैं. यह हॉल एक प्रक्षेपण प्रणाली और सीटों से सुसज्जित है और इसमें लगभग 150 लोग बैठ सकते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि एक दिन में दर्शकों के सामने कुल 8 शो किए जाएंगे। इसमें 4 2डी शो और 4 3डी शो होंगे। शो के माध्यम से दर्शक ब्रह्मांड को जान सकते हैं। आप यहां शो के टिकट ऑनलाइन खरीद सकते हैं। तारामंडल के बाहरी हिस्से को भी सजाया गया है। फसाड लाइटें आकर्षण का केंद्र बन रही हैं.
बापू टावर : गांधीजी की जीवनी का परिचय
शहर के गर्दनीबाग में बापू के जीवन पर आधारित 31 मीटर ऊंचे शंकु के आकार के बापू टावर का निर्माण पूरा हो गया है. यह टावर उनकी जीवनी, शिक्षा, आदर्शों, मूल्यों और बिहार के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है। रैंपपांच से चार तक में गांधी जी को एक प्रेरणा, एक प्रतीक, एक आदर्श के रूप में चित्रित किया गया है. रैंप तीन से दो में गांधी-जिन्ना वार्ता, शिमला सम्मेलन, 1946 के चुनावव अंतरिम सरकार, कलकत्ता अशांति, नोआखाली यात्रा प्रदर्शित है. दो से एक में दूसरे विश्वयुद्ध और उसका भारत पर प्रभाव, भारत छोड़ो आंदोलन वबिहार की उसमें भागीदारी आदि को देख सकेंगे. दो से एक में दूसरे विश्वयुद्ध और उसका भारत पर प्रभाव, भारत छोड़ो आंदोलन वबिहार की उसमें भागीदारी आदि को देख सकेंगे. अंतिम रैंप में गांधी जी का बिहार आगमन और चंपारण सत्याग्रह देखने को मिलेंगे.