करियर – शिक्षाबिहार

Anganwadi: बिहार में नन्हे सपनों को मिलेगी नई उड़ान, हर आंगनवाड़ी बनेगी स्मार्ट लर्निंग सेंटर

ग्रामीण–शहरी सभी बच्चों के लिए खुशखबरी

पटना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल्यावस्था में बच्चों को सुरक्षित, आनंददायक और सिखने के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जायेगा। इसको देखते हुए राज्य के आंगनवाड़ी केन्द्रों को शिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा ताकि बच्चों का पोषण, बेहतर स्वाथ्य और उन्हें पढाई के लिए तैयार किया जा सके।

1 लाख 15 हजार 64 आंगनवाड़ी संचालित

समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 1 लाख 15 हजार 64 आंगनवाड़ी संचालित है जिसमे 41 लाख 38 हजार 829 बच्चें नामांकित है। प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा को मद्देनजर रखते हुए अबतक राज्य के 38 जिलों में संचालित आंगनवाड़ी के 1 लाख 2 हजार 921 सेविकओं को इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दी गई।

पहले चरण में 13 जिलों के 35 हजार 409 सेविकाओं व दुसरे चरण में 25 जिलों के 67 हजार 512 सेविकओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में पोषण और पढाई जैसी गतिविधियां शामिल है जिनमें प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल, 3 से 6 साल के बच्चों के सर्वांगीण विकास, मानव जीवन चक्र में पोषण की भूमिका, दिव्यांग बच्चों के समावेशन के अधिकार जैसी कई जानकारियां दी गई।

“स्कूल पूर्व शिक्षा”, “पोषण भी,पढ़ाई भी” जैसी पहल

विदित हो कि बिहार सरकार प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा को सशक्त बनाने में बल दे रही है। जिनमें “स्कूल पूर्व शिक्षा”, “पोषण भी,पढ़ाई भी” जैसी पहल शामिल है जिसके लिए राज्य में आंगनवाड़ी सेविकाओं को 3 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार द्विस्तरीय पाठ्यक्रम “नवचेतना और आधारशिला” संचालित की जा रही है।

नवचेतना पाठ्यक्रम में 0 से 3 वर्ष के बच्चों को प्रारंभिक उत्प्रेरण, संवेदनशील पालन-पोषण और माता-पिता को उत्तरदायी देखभाल के प्रति मार्गदर्शन प्रदान करना है। आधारशिला पाठ्यक्रम में 3 से 6 वर्ष के बच्चों की विद्यालय पूर्व तैयारी के लिए विकसित किया गया है जिनमे बच्चों को भाषा, संख्या ज्ञान, स्वक्षता, स्वस्थ्य, कला, संगीत, कहानी, खेल और सामाजिक व्यव्हार जैसी गतिविधियां सिखाई जा रही है।

समाज कल्याण विभाग प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए निरंतर क्रियाशील है। इनके समावेशी विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में तमाम लाभकारी योजनाएं सुगमता से पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है और इसे लेकर कार्य किए जा रहे हैं।

वंदना प्रेयषी (सचिव, समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार)

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button
close