संजीवनी संस्कार स्कूल में छठ पर्व की जीवंत झलक, बच्चों ने दिया संस्कृति और स्वच्छता का संदेश
आस्था और परंपरा का अनोखा संगम

छपरा। श्यामचक आदर्श कॉलोनी स्थित संजीवनी संस्कार स्कूल में लोक आस्था के महापर्व छठ की अद्भुत झांकी सजाई गई। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने चार दिवसीय अनुष्ठान – नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य – को पूरे विधि-विधान, भक्ति और पारंपरिक अंदाज में निभाकर सभी का मन मोह लिया।
विद्यालय परिसर में बने कृत्रिम छठ घाट को फूलों, दीपों और रंगोली से इस तरह सजाया गया था जैसे वह कोई दुल्हन हो। छात्राओं ने व्रती का रूप धारण कर पारंपरिक व्यंजन ठेकुआ, पूड़ी और कद्दू-भात तैयार किए, वहीं छात्र सिर पर दउरा लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए सजे-धजे घाट की ओर बढ़े। पूरे वातावरण में छठ पूजा की आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक समरसता की झलक साफ झलक रही थी।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षिकाओं ने पारंपरिक छठ गीत – “केलवा के पात पर…” की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा परिसर भक्ति और लोकगीतों की मधुर ध्वनि से गूंज उठा। बच्चों के अभिनय, नृत्य और पारंपरिक परिधानों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विद्यालय की प्राचार्या ज्योति सिंह ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ना है। उन्होंने कहा, “छठ महापर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह जल स्रोतों की स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी है।” शिक्षकों ने बताया कि बच्चों को छठ पूजा के प्रत्येक चरण का महत्व समझाया गया ताकि वे जान सकें कि यह पर्व प्रकृति, संयम और श्रद्धा का संगम है।
पूरे आयोजन में अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा बच्चों के समर्पण और सांस्कृतिक प्रस्तुति की सराहना की।
इस अवसर पर इंचार्ज बृजेश कुमार, प्राचार्या ज्योति सिंह, अनिशा, प्रियांशु, चंदा, शिशिर श्रीवास्तव, एस.पी. मिश्रा, काजल कुमारी, कल्पना, सुरभि, आरती समेत अन्य शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।