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Online Gaming Bill: केंद्र सरकार ने लागू किया ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 5 साल की कैद और 2 करोड़ का जुर्माना

मनी गेम्स पर सख्त प्रतिबंध, युवाओं व परिवारों की सुरक्षा पर जोर

नेशनल डेस्क। डिजिटल इंडिया के बदलते परिदृश्य में नागरिकों की सुरक्षा और नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 संसद में पेश किया है। यह विधेयक एक ओर जहाँ ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक-शैक्षिक गेम्स को बढ़ावा देगा, वहीं दूसरी ओर हानिकारक ऑनलाइन मनी गेम्स, जुए और सट्टेबाजी पर सख्ती से रोक लगाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का मानना है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने पिछले एक दशक में भारत की पहचान बदल दी है। यूपीआई भुगतान प्रणाली, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और 5जी जैसी तकनीकों ने नई ऊँचाइयाँ दी हैं। लेकिन साथ ही ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसे क्षेत्र ने वित्तीय धोखाधड़ी, लत और सामाजिक नुकसान जैसी गंभीर चुनौतियाँ भी पैदा की हैं। इसी पृष्ठभूमि में यह विधेयक लाया गया है।


विधेयक के प्रमुख प्रावधान

1. ई-स्पोर्ट्स को मान्यता और बढ़ावा

  • ई-स्पोर्ट्स को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में आधिकारिक मान्यता मिलेगी।
  • खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स के लिए मानक, प्रशिक्षण अकादमी और तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार करेगा।
  • जागरूकता अभियान और प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए युवाओं को डिजिटल खेलों से जोड़ा जाएगा।

2. सामाजिक एवं शैक्षिक गेम्स का संवर्धन

  • केंद्र सरकार सुरक्षित और आयु-उपयुक्त सोशल गेम्स को पंजीकृत और वर्गीकृत करेगी।
  • शैक्षिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाले गेम्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास में योगदान देने वाले गेम्स को बढ़ावा।

3. ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध

  • किसी भी प्रकार के मनी गेम (जैसे रम्मी, पोकर, ऑनलाइन लॉटरी, फैंटेसी बेटिंग) पर पूर्ण रोक।
  • ऐसे गेम्स के विज्ञापन, प्रचार और वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध।
  • गैरकानूनी प्लेटफॉर्म तक पहुँच रोकने के लिए आईटी अधिनियम, 2000 के तहत कार्रवाई।

4. राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना

  • केंद्र सरकार एक प्राधिकरण गठित करेगी जो ऑनलाइन गेम्स का पंजीकरण और वर्गीकरण करेगा।
  • यह तय करेगा कि कौन-सा गेम मनी गेम है और शिकायतों का निपटारा करेगा।
  • दिशा-निर्देश और आचार संहिता जारी कर अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

5. अपराध और दंड

  • मनी गेम की पेशकश या संचालन पर 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना।
  • विज्ञापन करने पर 2 साल की कैद और/या 50 लाख रुपये का जुर्माना।
  • वित्तीय लेनदेन करने पर 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना।
  • बार-बार अपराध करने पर 5 साल तक की कैद और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।

6. कॉरपोरेट दायित्व और प्रवर्तन

  • कंपनियों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
  • स्वतंत्र निदेशकों को संरक्षण दिया जाएगा।
  • सरकार को तलाशी, ज़ब्ती और बिना वारंट गिरफ्तारी तक की शक्तियाँ।

विधेयक के सकारात्मक प्रभाव

  • रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: भारत को वैश्विक गेमिंग निर्यात और रोजगार का केंद्र बनाने में मदद।
  • युवाओं का सशक्तिकरण: ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गेमिंग से नए अवसर।
  • परिवारों की सुरक्षा: मनी गेम्स से होने वाले वित्तीय और मानसिक नुकसान पर रोक।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: धन शोधन और आतंकवाद वित्तपोषण जैसे खतरों पर नियंत्रण।
  • वैश्विक नेतृत्व: जिम्मेदार गेमिंग नवाचार और डिजिटल नीति निर्माण में भारत की अग्रणी भूमिका।

यह विधेयक एक संतुलित कदम है जहाँ सकारात्मक ऑनलाइन गेमिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं खतरनाक मनी गेम्स पर रोक लगाकर युवाओं और परिवारों की रक्षा की जाएगी। सरकार का यह प्रयास डिजिटल इंडिया को और अधिक सुरक्षित, नवाचार-संचालित और जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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