सारण में SBI और BGB के संयुक्त प्रयास से महिला उद्यमिता को मिलेगा बल, ₹90 करोड़ लोन वितरण का लक्ष्य निर्धारित
10 अगस्त तक पात्र लाभार्थियों को मिलेगा ऋण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा सशक्त आधार

छपरा: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और बिहार ग्रामीण बैंक (BGB) के सहयोग से जीविका दीदियों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु कुल ₹90 करोड़ ऋण वितरण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह निर्णय आज SBI के RBO कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान लिया गया, जिसकी अध्यक्षता जीविका के राज्य परियोजना प्रबंधक (बैंक लिंकेज) पुष्पेन्द्र तिवारी ने की।
बैठक में SBI के डिप्टी जनरल मैनेजर प्रफुल्ल झा, रीजनल मैनेजर प्रियंका प्रियदर्शिनी, जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक अरुण कुमार सहित सभी प्रखंडों के बैंकिंग कोऑर्डिनेटर (BPM) और FI नोडल उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 10 अगस्त को प्रस्तावित क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत ₹75 करोड़ के ऋण वितरण लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूर्ण करना रहा।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में ₹150 करोड़ की अप्रयुक्त राशि बैंक प्रणाली में उपलब्ध है, जिसे समयबद्ध ढंग से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाना अनिवार्य है। पीएम-विश्वकर्मा योजना, व्यक्तिगत ऋण, CLF एवं सामूहिक योजनाओं पर विशेष बल देते हुए SOP के माध्यम से BPM और शाखा प्रबंधकों की भूमिकाएं स्पष्ट की गईं।
SBI: 219 वर्षों की सेवा और 60 करोड़ ग्राहकों का विश्वास
SBI के DGM प्रफुल्ल झा ने जीविका की सराहना करते हुए कहा कि संस्था की व्यापक पहुँच और ज़मीनी कार्यशैली अनुकरणीय है। उन्होंने कहा, “भारतीय स्टेट बैंक 219 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है। समय के साथ खुद को निखारने की हमारी प्रतिबद्धता ही हमारी स्थायित्व की वजह है। महिला सशक्तिकरण में हमारा योगदान सामाजिक परिवर्तन की दिशा में सार्थक प्रयास है।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि SBI के साथ वर्तमान में 60 करोड़ से अधिक ग्राहक जुड़े हुए हैं और हाल ही में सारण जिले में 52 नए कर्मियों की नियुक्ति की गई है, जिससे इस अभियान को नई गति मिलेगी।
BGB के साथ बैठक: अगले तीन दिनों में ₹15 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य
इसी क्रम में जीविका जिला कार्यालय, सारण में बिहार ग्रामीण बैंक (BGB) के साथ भी एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में BGB के महाप्रबंधक संजय कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रबंधक मानस कुमार सिन्हा, वरीय प्रबंधक अविनाश कुमार सहित जीविका व BGB के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी तीन दिनों में जीविका समूहों को BGB की 75 शाखाओं के माध्यम से ₹15 करोड़ का ऋण वितरित किया जाएगा। इस अवसर पर GM संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “हमारा रिश्ता जीविका से केवल साझेदारी का नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व का है। जीविका की अनुशासित कार्यप्रणाली और न्यूनतम NPA ने अन्य बैंकों के लिए भी एक मिसाल पेश की है।”
उन्होंने आगे कहा, “जो महिलाएं कभी घर की चौखट पार नहीं करती थीं, आज वे सफल उद्यमी बनकर न केवल आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं। यह सामाजिक परिवर्तन का उदाहरण है।”
जीविका: ऋण नहीं, आत्मविश्वास देती है
राज्य परियोजना प्रबंधक पुष्पेन्द्र तिवारी ने कहा, “ऋण केवल पूंजी नहीं, आत्मविश्वास होता है। जब एक महिला को सही मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग मिलता है, तो वह पूरे समाज को प्रेरित करती है। जीविका समूहों का NPA 0.5% से भी कम है, जो उनकी प्रतिबद्धता और वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्रामीण बैंक के साथ यह सहभागिता केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि विश्वास और सामूहिक विकास का प्रतीक है।
SBI और BGB जैसे बैंकिंग संस्थानों एवं जीविका के समन्वित प्रयासों से यह स्पष्ट है कि बिहार में महिला उद्यमिता को नई ऊर्जा और दिशा मिल रही है। यह पहल न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त आधार भी प्रदान करेगी।