छपराधर्म

Dutch Makabara: सारण का डच मकबरा बनेगा ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र, 250 साल पुरानी विरासत को मिलेगी पहचान

डच कालीन विरासत – 250 साल पुराना इतिहास

छपरा। सारण की ऐतिहासिक धरोहरों को अब उपेक्षा से निकालकर राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में छपरा शहर से सटे सदर प्रखंड के करिंगा गांव में स्थित डच मकबरा को ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह मकबरा न सिर्फ वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है, बल्कि छपरा के अतीत से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

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डीएम के प्रस्ताव पर सचिव ने किया निरीक्षण:

इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर राज्य सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने अमल शुरू कर दिया है। विभागीय सचिव प्रणव कुमार ने हाल ही में स्थल का निरीक्षण किया और विकास की दिशा में डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए।

डच कालीन विरासत – 250 साल पुराना इतिहास:

करीब 250 वर्ष पूर्व, वर्ष 1770 ईस्वी में डच व्यापारियों ने इस मकबरे का निर्माण अपने मृत परिजनों की याद में ताजमहल की तर्ज पर करवाया था। यह स्थल यूरोपीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है और इसे उस काल के डच गर्वनर जैकवस वैन हर्न की यादों से भी जोड़ा जाता है।
18वीं सदी की शुरुआत में करिंगा का यह क्षेत्र यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का प्रमुख ठिकाना हुआ करता था।

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वर्षों से उपेक्षित, अब मिलेगा नया पहचान

समय के साथ यह ऐतिहासिक मकबरा जर्जर स्थिति में पहुंच गया था और अब तक खंडहर में तब्दील हो चुका था। स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों द्वारा लंबे समय से इसके संरक्षण की मांग की जा रही थी। इस पहल को गति तब मिली जब बिहार पुरातत्व निदेशालय ने बिहार प्राचीन wस्मारक अधिनियम, 1976 के तहत इसे संरक्षित करने का प्रस्ताव रखा और आम लोगों से आपत्तियाँ व सुझाव आमंत्रित किए।

जिलाधिकारी की तत्परता से मिली रफ्तार:

इस प्रक्रिया में जिलाधिकारी ने अप्रैल महीने में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर कार्य को आगे बढ़ाया। उनके पहल और तत्परता के परिणामस्वरूप अब यह मकबरा ऐतिहासिक पर्यटन से जुड़े नक्शे पर आ सकेगा। योजना के तहत मकबरे के आस-पास मूलभूत सुविधाओं का विकास, लाइटिंग, पाथवे, दर्शक दीर्घा, सूचनात्मक बोर्ड और सुरक्षा प्रबंध जैसे कार्य शामिल हैं।

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शोध और पर्यटन दोनों को मिलेगा बढ़ावा:

विभागीय सचिव प्रणव कुमार ने स्पष्ट किया कि डच मकबरा को ऐतिहासिक टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इससे न केवल इतिहास प्रेमियों और शोधार्थियों को एक अनोखा अनुभव मिलेगा, बल्कि छपरा को एक नया पर्यटन केंद्र भी प्राप्त होगा।

सारण का डच मकबरा अब इतिहास के पन्नों में गुम होने के बजाय अपने गौरवशाली अतीत के साथ नई पहचान की ओर अग्रसर है। यह न सिर्फ जिले के सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करेगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी नई रफ्तार देगा।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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