छपरा

Railway Engine: सारण का ‘कोमा’ अब गिनी की शान, मढ़ौरा में बना लोकोमोटिव अफ्रीका में लाएगा समृद्धि

4500 हॉर्सपावर वाला 'कोमा' बना भारत-अफ्रीका सहयोग की नई पहचान

छपरा। सारण जिले के मढ़ौरा स्थित अमेरिकी कंपनी वेबटेक कॉर्पोरेशन ने वैश्विक मंच पर एक बार फिर भारत का नाम रौशन किया है। कंपनी ने अफ्रीकी देश गिनी गणराज्य के लिए तैयार किए गए पहले शक्तिशाली लोकोमोटिव इंजन का भव्य अनावरण किया। यह इंजन रियो टिंटो सिम्फर के लिए तैयार किया गया है और इसका नाम ‘कोमा’ (Kouma) रखा गया है।

 क्या है ‘कोमा’ की खासियत?

यह लोकोमोटिव 4500 हॉर्सपावर का दमदार इंजन है, जिसे इवोल्यूशन सीरीज के अत्याधुनिक ES43ACI मॉडल पर विकसित किया गया है। इसका रंग नीला और फिरोजी है, जो गिनी में शांति, समृद्धि और स्थिरता का सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है।

advertisement

 सीमांडौ परियोजना से जुड़ा है इंजन

‘कोमा’ इंजन गिनी की दक्षिण-पूर्वी सीमांडौ परियोजना में उपयोग किया जाएगा। यह इंजन ट्रांसगिनी रेलवे लाइन पर खनिजों से भरपूर खदानों से लौह अयस्क को तटीय बंदरगाह तक पहुंचाने का काम करेगा। सीमांडौ, अफ्रीका की सबसे बड़ी खनन और आधारभूत ढांचा परियोजनाओं में से एक मानी जाती है।

advertisement

 अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति

इस लोकोमोटिव के अनावरण समारोह में गिनी, भारत और अमेरिका की सरकारों के प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहे। इसके अलावा, रियो टिंटो सिम्फर, भारतीय रेल, वेबटेक कॉर्पोरेशन और ट्रांसगिनी-एन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए।

रियो टिंटो सिम्फर के वैश्विक परियोजना प्रमुख चार्ल्स जिम्मरमैन ने इस मौके पर कहा: “यह लोकोमोटिव हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है। इससे गिनी वैश्विक बाजार से जुड़ेगा और वहां के लोगों के लिए रोजगार व विकास के नए अवसर खुलेंगे।” उन्होंने वेबटेक की तकनीकी दक्षता और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए इसे गिनी के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम बताया।

बिहार का गौरव बना मढ़ौरा

मढ़ौरा का यह योगदान न सिर्फ बिहार बल्कि भारत के लिए भी अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक बन गया है। भारत में निर्मित इस इंजन की गुणवत्ता और तकनीक वैश्विक स्तर पर सराही जा रही है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button