छपरा। जयप्रकाश महिला महाविद्यालय में ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट -1 के द्वारा प्राचार्या की अध्यक्षता में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सभी को तंबाकू से होने वाली समस्याओं एवं उसके हानिकारक प्रभाव से अवगत कराना था। ताकि लोग जागरूक हो एवं तंबाकू का सेवन बंद करें। प्राचार्या ने सभी को तंबाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित किया एवं कहा कि तंबाकू के साथ ही अन्य सभी नशीले पदार्थों का त्याग किया जाना चाहिए। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है
ताकि हमारा परिवार, समाज और राष्ट्र नशा मुक्त हो सके।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता रसायन विभाग की प्राध्यापिका डॉक्टर अंबिका श्रीवास्तव ने तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया एवं बताया की बीड़ी, सिगरेट, सिगार, तंबाकू ,गुटखा आदि में उपस्थित रासायनिक तत्व किस प्रकार हमारे लिए नुकसानदायक है। तंबाकू के प्रयोग से कैंसर एवं कई असाध्य बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही एक वीडियो के माध्यम से बच्चों को दिखाया की किस प्रकार बीड़ी सिगरेट आदि से निकलने वाले धुएं हमारे हृदय एवं फेफड़े को नुकसान पहुंचाते हैं। मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ कुमारी नीतू सिंह ने धूम्रपान के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया ।
उन्होंने कहा कि अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति में धूम्रपान की संभावनाएं अधिक होती हैं जबकि सिजोफ्रेनिया से ग्रसित व्यक्तियों में इसकी संभावना 3 गुना अधिक होती हैं। धूम्रपान से निकलने वाला निकोटिन मस्तिष्क में डोपामाइन न्यूरोट्रांसमीटर को रिलीज करने की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाता है।एनएसएस की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अर्चना सिन्हा ने बताया की ना सिर्फ तंबाकू का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इसकी खेती ,उत्पादन ,उपभोग एवं उसके बाद बचे अपशिष्ट भी परिवार,समाज एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग पूरी तरह वर्जित होना चाहिए।
अंत में प्राचार्या के साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्राओं ने तंबाकू का प्रयोग ना करने एवं अपने परिवार, समाज, राज्य एवं राष्ट्र को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में समस्त शिक्षक- शिक्षिकाओं एवं एनएसएस की छात्राओं की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।
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