देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ सारण का लाल रवितोष, 15 दिन पहले हीं घर से गया था ड्यूटी

छपरा। देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए सारण जिले के दरियापुर प्रखंड स्थित बनवारीपुर गांव का लाल शहीद हो गया। पठानकोट बॉर्डर पर तैनात भारतीय सेना के जवान रवितोष कुमार (32 वर्ष), संदिग्ध परिस्थिति में शहीद हो गए। जैसे ही यह खबर रविवार की देर रात उनके परिवार को मिली, पूरे गांव में कोहराम मच गया।
रवितोष कुमार वर्ष 2011 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। देश सेवा का जज्बा उन्हें अपने पिता जयनाथ राय से विरासत में मिला था, जो खुद सेना से सेवा निवृत्त होकर गांव में रहते हैं। बहादुर बेटे की मौत की खबर ने पिता के जीवन की सबसे बड़ी उम्मीद को तोड़ दिया।
अभी 15 दिन पहले ही घर से लौटे थे ड्यूटी पर
स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि जवान रवितोष कुछ दिन पहले ही अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए गांव आए थे। पिता की तबीयत ठीक हो जाने के बाद मात्र 15 दिन पूर्व ही वह अपने ड्यूटी स्थल पठानकोट के लिए रवाना हुए थे। कौन जानता था कि यह उनकी आखिरी विदाई होगी।
रविवार रात दो बजे आई सूचना, पूरे गांव में मचा कोहराम
रविवार की देर रात करीब दो बजे सेना के अधिकारियों द्वारा परिजनों को सूचना दी गई कि रवितोष अब इस दुनिया में नहीं रहे। जैसे ही यह खबर घर पहुंची, मां रामपति देवी और पत्नी गुड़िया देवी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। तीन छोटे बच्चों—दो बेटियां और एक बेटा—की आंखों से पिता की मूरत कभी मिट नहीं पाएगी।
गांव के लोग जब सुबह उठे तो खबर पूरे गांव में फैल चुकी थी। सैकड़ों लोग घर पर जुट गए। कोई परिवार को सांत्वना दे रहा था तो कोई रोते हुए यही कह रहा था—”हमारा बेटा देश के लिए चला गया।”
अब भी मौत रहस्य में, परिजन रवाना हुए पठानकोट
परिजनों को अब तक मौत के कारण की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। शव के गांव आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सोमवार सुबह जवान के पिता और अन्य परिजन शव लाने के लिए पठानकोट के लिए रवाना हो गए।