सारण में जर्जर और क्षतिग्रस्त पुलों के जगह नये पुल का होगा निर्माण, लिंक रोड भी बनेगा

छपरा
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छपरा। सारण जिले में जर्जर और बाढ़ में क्षतिग्रस्त पुलों के जगहों पर नये पुल का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ हीं मिसिंग लिंक पथ भी बनाया जायेगा।   बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सम्पर्कता के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना अंतर्गत पुलों एवं मिसिंग लिंक पथों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा किया जाना है। योजनाओं के चयन हेतु जिला स्तर पर प्राथमिकता सूची के निर्धारण हेतु आज माननीय मंत्री विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग -सह- प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में “मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना” से संबंधित जिला संचालन समिति की बैठक आहुत की गई।

इस योजना के तहत निर्धारित मापदंडों के आधार पर योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण किया जाना है।

  •  पूर्व से निर्मित जर्जर पुल की जगह नये पुल का निर्माण।
  •  पूर्व से निर्मित पथ में Missing Bridge का निर्माण।
  • बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल की जगह नये पुल का निर्माण।
  • निर्मित पुलों के पहुंच पथ का निर्माण।
  •  मिसिंग लिंक पथ का निर्माण।
  •  अद्यतन असम्पर्कित अवशेष टोलों/बसावटों को सम्पर्कता प्रदान करने हेतु पथों/पुल- पुलियों का निर्माण।
  • “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम से आच्छादित योजना।
  •  मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक सभा में की गयी घोषणा से सम्बन्धित पथों/पुलों का निर्माण।

योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण इस क्रम में किया जाना है

  • लाभान्वित होने वाले गाँवों की संख्या एवं कुल जनसंख्या के आधार पर
  • जिला मुख्यालय/अनुमंडल मुख्यालय/प्रखंड मुख्यालय/ पंचायत मुख्यालय/ महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र / बाजार / पर्यटन स्थल इत्यादि को संपर्कता प्रदान करने के आधार पर
  • उच्च स्तरीय पथ यथा NH/SH/MDR श्रेणी वाले सड़कों को संपर्कता प्रदान करने के आधार पर
  • पुलों/पथों के निर्माण के लिये वोट बहिष्कार के आधार पर

       बैठक में सभी माननीय विधायकगण एवं विधान पार्षद द्वारा एक एक कर अपने क्षेत्र अंतर्गत आवश्यक ग्रामीण पुलों एवं संपर्क पथ/मिसिंग लिंक पथ के बारे में जानकारी दी गई तथा प्राथमिकता सूची उपलब्ध कराई गई।

    प्राप्त सूची में वर्णित सभी आवश्यक योजनाओं की स्थलीय जाँच संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं विभागीय अभियंता संयुक्त रूप से तीन दिनों में सुनिश्चित करेंगे। इसके आधार पर जिले की समेकित प्राथमिकता सूची का निर्धारण कर ग्रामीण कार्य विभाग को क्रियान्वयन के लिये भेजा जायेगा।