• गंगा स्नान करने आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मिली फाइलेरिया से बचाव की जानकारी
• फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन के प्रति किया गया प्रेरित
छपरा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। समुदायस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ अगर समाज के एक आम इंसान अगर आगे आकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाये तो यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। सारण जिले के मांझी प्रखंड में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों ने विशेष पहल करते हुए कैंप लगाकर लोगों जागरूक किया। फाइलेरिया बीमारी के बारे में जानकारी दी गई एवं आईडीए दवा सेवन करने के लिए अपील की गई। सदस्यों ने घर के आस पड़ोस में साफ सफाई एवं फाइलेरिया पीड़ित मरीज को मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी । नेटवर्क मेंबर रवि कुमार यादव, बिनोद चौधरी द्वारा सहयोग किया गया। इस दौरान कई अन्य गांवों के लोगो ने अपने गाँव के मरीजों के बारे में जानकारी दी और नेटवर्क मेंबर को अपने गांव में बुलाकर लोगो को फाइलेरिया बीमारी के बारे में जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान नेटवर्क के सदस्यों ने पंपलेट वितरण कर जागरूकता संदेश दिया। फ्लिप बुक के माध्यम से जानकारी दी गयी। जिले में नवंबर माह में फाइलेरिया से बचाव के लिए आइडीए दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा। जिसके तहत घर-घर कर लोगों को दवा खिलायी जायेगी।
रोकथाम ही इसका समाधान:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है, खासकर परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के जरिए। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है।
फाइलेरिया के लक्षण
सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।पैरों व हाथों में सूजन, फाइलेरिया से बचाव- मच्छरों से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें- घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे- आसपास पानी न जमा होने दे- गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे- चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे- पूरी बाजू का कपड़ा पहने।
फाइलेरिया से बचाव
• फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
• पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रहें।
• सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगा लें
• हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवाई लगा लें।
Publisher & Editor-in-Chief