छपरा में जहरीली शराब ने कहर बरपाया: 24 से ज्यादा लोगो की मौत

छपरा

छपरा। पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर बरपाया है। सारण के मशरक में जहरीली शराब पीने से लगभग 26 लोगों की मौत हो गई है। जबकि रिकार्ड में सिर्फ 17 लोगो का ही नाम दिखाया जा रहा है। घटना मशरक थाना क्षेत्र तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र की है। मशरक थाना क्षेत्र से मशरक तख्त से पांच, यदू मोड़ से तीन, पचखंडा से एक, बहरौली से ग्यारह, बेनछपरा से चार, घोघियां से पांच, गंगौली से एक, गोपालवाड़ी से एक, हनुमानगंज से एक तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला से चार लोगो संदिग्ध जहरीली शराब पीने से जान चली गई। इतना ही नहीं, कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई हैं। जो गांव और प्राइवेट अस्पताल में इलाजरत है। सूत्रों से पता चला है कि बीते शाम से ये घटना घट रही है। जिसमें कुछ मृतक के परिजनों ने प्रशासन के डर से मंगलवार के शाम में ही शव को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

प्रशासन और पुलिस बीते रात से ही ले रहे परिजनों से जानकारी:

प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर ग्रामीणों और पीड़ितों के परिजनों से जानकारी ले रहे हैं। इसके साथ ही गांव-गांव ये खबर फैलाने को कह रहे है कि घर में किसी की भी तबियत खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम से संपर्क करने को कहा जा रहा है।

मृतक के परिजनों पर बनाया गया दबाव :

मृतकों के परिजनों के घर चौकीदार और पुलिस प्रशासन द्वारा ये कह कर शव का अंतिम संस्कार कर देने का दबाव बनाया जा रहा था ताकी आकड़ों को कम किया जा सके।

अस्पताल ले जाने के क्रम दो लोगों ने तोड़ा दम

सोमवार की रात को जहरीली शराब का सेवन करने के बाद से ही सभी की तबीयत खराब होने लगी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार के बाद कई लोगों को छपरा सदर अस्पताल रेफर किया गया। छपरा सदर अस्पताल जाने के क्रम में ही मुकेश शर्मा की मौत हो गई। मुकेश शर्मा हनुमानगंज के बच्चा शर्मा का प्रथम पुत्र है। जिसकी बीते रात से अचानक तबीयत खराब हुई और सुबह मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जिसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी।

अधिकारियों में मचा हड़कंप

जहरीली शराब से अभी तक छत्तीस लोगों की मौत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सारण जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मशरक के विभिन्न मृतकों के परिजनों के यहां पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। पुलिस अधीक्षक सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ितों के गांव का मुआयना भी किया।

थाना से महज 500 मीटर की दूरी से मिली स्प्रीट की खाली रैपर:

घटना की मुख्य वजह जहरीली शराब पीने से ही हुई है। भले ही उच्च अधिकारी इसे लीपा पोती कर कुछ भी कहें। लेकिन घटना निंदनीय है जिसके बारे में कुछ भी कहा जाए कम होगा। जब शराब धंधेबाज के यहां सारण एसपी, डीआईजी, जिलाधिकारी, डीएसपी, और थानाध्यक्ष पहुंचे तो वहां शराब की सैंकड़ो खाली रैपर के फ्रूटी पैक की खाली पैकेट पड़े मिले।

इतनी बड़ी घटना के जिम्मेदार कौन?

प्रशासन आए, बड़े-बड़े नेता आए समाज सेवक आए और इस सब घटना को लेकर सबने सहानुभूति दिखाई, लेकिन इतनी बड़ी घटना का जिम्मेवारी कौन लेगा?

चार घंटों तक एसएच और एनएच सड़क रहा अवरुद्ध

मामलों में जब तूल पकड़ने लगा और परिजनों के हंगामा होने के बाद लोगों ने सड़क जाम कर सूबे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरूद्ध जम कर नारेबाजी हुई। उस दौरान पुर्व विधायक तारकेश्वर सिंह, जिला पार्षद चांदनी देवी, पुर्व मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह सहित सभी ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध अपना गुस्सा फोड़ा और कहा कि ये सब पुलिस प्रशासन के मिली भगत से ही शराब की बिक्री की जा रही है। सरकार ने शराब बंद करा कर सभी प्रशासन के जेब में साइड इन्कम की दुकान खोल रखी है। हर जगह चौकीदार से लेकर एसपी तक की मिलीभगत से ही बड़ी बड़ी शराब की बिक्री हो रही है।

मृतक थाना क्षेत्र से तीन-चार किलोमीटर के दायरे के ही

मृतकों में कुणाल सिंह, जयदेव सिंह, अमित रंजन सिंहा,संजय कुमार सिंह, हरेंद्र राम, भरत साह, मो. नसीर, बिजेंद्र राय, लाल कुमार यादव, मुकेश शर्मा पथलु राम, जगजीतन साह का पुत्र, उमा साह का भाई, दुमदुमा के सुदामा मांझी के दो लड़के का नाम भी शामिल है। जबकी आधे से ज्यादा लोगो ने बीते रात ही शव को जला दिया है। जैसे ही जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिली, मौके पर मढ़ौरा के एसडीओ, सोनपुर के एएसपी, मढ़ौरा डीएसपी सहित आसपास के थानों की पुलिस और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की टीम प्रभावित गांव में पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के आधा दर्जन से भी ज्यादा एम्बुलेंस से पीड़ितों को छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।