छपरास्वास्थ्य

सर्दी में ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक खतरा ज्यादा,बिस्तर से उठकर तुरंत न चलें, थोड़ी देर बैठें उसके बाद चलें: डॉ हिमांशु

छपरा:कड़ाके की ठंड, शीत लहर और भीषण कोहरे ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जगह-जगह लोग आग जलाकर बैठे हैं और अपने आप को सर्दी से बचाने का प्रयास कर रहे हैं. कई दिनों से सूरज के दर्शन नहीं हो पाए हैं और ठंडी हवाएं लोगों को परेशान कर रही है. डॉक्टर भी ऐसी ठंड से लोगों को बचने की सलाह दे रहे है.
छपरा शहर के नगरपालिका चौक मंत्री जितेंद्र राय आवास स्थिति धड़कन क्लिनिक के संस्थापक ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु कुमार ने बताया कि इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 30 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे।

क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से शर्दी के महीनों में 30 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है।

साढ़े तीन मिनिट: मेरी सलाह!

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उन्होंने कहा कि जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!

हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए।
यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?
यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।
जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।
ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?
इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।

यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।

साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।

1. नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।

2. अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।

3. अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।

साढ़े तीन मिनिट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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