कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, एक्टिव सर्विलांस के माध्यम से किया जायेगा घर-घर सर्वे

छपरा
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• ओपीडी में आने वाले मरीजों की होगी कोविड जांच
• रेलवे स्टेशन और बस अड्डा पर लिया जायेगा रैंडम सैँपल
• अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कोरोना नियंत्रण पर होगा कार्य
छपरा,28 दिसंबर । जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। इससे निपटने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है। जिले में कोविड मरीजों को बेहतर उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। विश्व के कई देश जैसे जापान, अमरीका, कोरिया, ब्राजील एवं चीन में कोविड के केसेस में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है। उपरोक्त देशों में कोविड-19 के नए वेरिएंट बीएफ. 7 को माना जा रहा है। बीएफ .7 वेरिएंट के विरुद्ध सजगता रखने के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।

जिले में एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई रोगियों की पहचान कर वांछित कार्यवाही की जाये। घर-घर सर्वे के दौरान कोविड एवं अन्य मौसमी बीमारियों के लक्षण व उससे बचने के उपाय एवं विभागीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का प्रचार प्रसार कर आमजन को जागरूक करें।

ओपीडी में आने वाले मरीजों की होगी स्क्रीनिंग :
जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि ओपीडी में आने वाले लक्षण वाले रोगियों का सैम्पल लेकर कोविड की जांच करायें तथा ओपीडी में आने वाले सभी रोगियों की पृथक से पहचान कर उनकी जांच एवं उपचार सुनिश्चित करायें। समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जीनोम सीक्वेसिंग हेतु सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैम्पल की व्यवस्था करें।

रैंडम सैम्पलिंग की होगी व्यवस्था:
रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, विद्यालय एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले रोगियों की रैंडम सैम्पलिंग करवायी जाये। सैम्पल कलेक्शन, रैंडम सैम्पलिगं, उपचार, डिस्चार्ज इत्यादि का पालन सुनिश्चित की जाये। जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में अन्य विभागों यथा- पुलिस, पंचायती राज. महिला एवं बाल विकास, नगर निगम, आयुष आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समीक्षा की जाये।

हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान:
हाई रिस्क ग्रुप एक्टिव सर्वे एवं ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरन्त उपचार करवाना सुनिश्चित करें। दिशा-निर्देशों का पालन भारत एवं राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी समस्त निर्देशों यथा स्क्रीनिंग, सैम्पल कलेक्शन, रैंडम सैम्पलिंग, उपचार, डिस्चार्ज इत्यादि का पालन सुनिश्चित की जाये।

जिला और प्रखंड स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित होगा:

प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रेस्पॉस टीम को कार्यशील रहने की निर्देश प्रदान करें। समस्त राज्य के चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक मेडिकल ऑक्सीजन, पीएसए प्लांट, आरटीपीसीआर एवं रैपिड एंटिजन टेस्ट किट , एन-95 मास्क एवं दवाइयां इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखें तथा उक्त से आमजन को अवगत करायें।