• सारण में आयी टीबी के मामलों में 20% की कमी
• 2015 के आंकड़ों के सापेक्ष में किया गया जिलों का मुल्यांकन
छपरा। राज्य सरकार 2025 तक राज्य से टीबी उन्मूलन को लेकर प्रयासरत है. इसके लिए राज्य यक्ष्मा विभाग द्वारा नित नए कदम उठाये जा रहे हैं। टीबी उन्मूलन अभियान के तहत राज्य के 5 जिलों को सब नेशनल सर्टिफिकेशन पुरस्कार से नवाजा गया है. जिसमें मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सिवान, सारण एवं पुर्णिया जिला शामिल है. टीबी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बीके मिश्र ने बताया कि टीबी मुक्त राज्य के लिए किये जा रहे प्रयासों के तहत बेहतर कार्य करने वाले जिलों को सब नेशनल सर्टिफिकेशन पुरस्कार से नवाजा गया.
टीबी उन्मूलन अभियान में जिन जिलों में 2015 के सापेक्ष में टीबी मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा कमी आई है उन्हें पुरस्कृत किया गया है. राज्य से 12 जिले चयनित किये गए थे जिसमें बेगुसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पुर्णिया, समस्तीपुर, सारण एवं सिवान जिले शामिल थे. डॉ. मिश्र ने बताया कि 2015 के सापेक्ष में 60 % कमी के साथ मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर जिले को गोल्ड मैडल प्रदान कर पुरस्कृत किया गया. वहीं 40 % कमी के साथ सिवान को सिल्वर मैडल एवं 20 % कमी के साथ सारण एवं पुर्णिया जिले को ब्रोंज मैडल से पुरस्कृत किया गया.
शराब एवं तम्बाकू का नशा करने वालों में टीबी का खतरा अधिक:
टीबी माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम रिया से होने वाला एक क्रामक रोग है, जो हवा के माध्यम से फैलता है आमतौर पर यह फेकडो में होता है, लेकिन हमारे शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, जैसे आंत, गुर्दे, आदि। टीबी किसी भी आयु वर्ग और आर्थिक स्तर के लोगों को प्रभावित करती है परन्तु इसका प्रकोप एच०आई०डी० संक्रमित लोगों, कुपोषित बच्चों, डायबिटीज के रोगियों, शराब एवं तम्बाकू का नशा करने वालों में ज्यादा होता है ।
फेफड़ों के टीबी के सामान्य लक्षण:
• दो या अधिक सप्ताह से खाँसी आना
• बुखार, जो शाम के बढ़ता हो
• वजन घटना
• रात को अधिक पसीना आना
• सीने में दर्द होना
9 से 18 महीने में नियमित उपचार से ठीक हो जाते है मरीज:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि कोई भी लक्षण (एक या अधिक) पाये जाने पर डॉक्टर से दिखाना जरूरी है। फेफड़ों के टीबी के निदान के लिए छाती का एक्स-रे एवं बलगम ( खराब) नमूने की जाँच सरकारी अस्पताल में कराना चाहिए । साधारण टीबी रोगियों को उपचार से 9 माह बनता है। टीबी एक गंभीर समस्या है, परन्तु 9 से 18 महीने में नियमित उपचार से रोगी ठीक हो जाते है।
उच्च जोखिम वाले मरीज:
• कुपोषण, एचआईवी, मधुमेह से पीड़ित लोग
• भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र जैसे झुग्गी बस्तियों आदि में रहने वाले लोग
• कम हवादार या बंद कमरे में रहने वाले लोग
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