छपरा। बनियापुर थाना क्षेत्र के भकुरा भिट्ठी गांव में जमीनी विवाद को लेकर चाकू से गोदकर बाप बेटे की हत्या कर दी गई। वहीं उसी परिवार के दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया गया है। घटना से आक्रोशित लोगों ने छपरा-मसरख मुख्य सड़क पर मृतक 85 वर्षीय गृशदेव दुबे तथा उनके 28 वर्षीय मझोले पुत्र शशिकांत दुबे के लाश को रखकर आवागमन ठप कर दिया गया है। वहीं घायलों में गृशदेव दुबे के बड़े पुत्र रमेश दुबे तथा छोटे पुत्र शोभा कांत दुबे को प्राथमिक इलाज के बाद सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया गया है।
घटना से गुस्साए लोग एसपी को बुलाने की मांग पर पड़े हैं। हालांकि डीएसपी मुनेश्वर प्रसाद सिंह जाम स्थल पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं। पुलिस बल के साथ बनियापुर थाना अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह तथा गौरा ओपी थाना की पुलिस भी पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण करने में लगी हुई है। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि पूर्व से जमीनी विवाद को लेकर उसी गांव के दिल रंजन सिंह अपने साथ डब्लू सिंह, विनय सिंह, गुड्डू सिंह, मुन्ना सिंह, तथा अपनी मां व पत्नी समेत 10 अन्य अज्ञात लोगों के साथ आए तथा विवादित जमीन को ट्रैक्टर से जुतवाने लगे। जिसे दुबे परिवार के सदस्य रोकने पहुंचे। जिस पर विवाद बढ़ गया तथा मारपीट होने लगी। इसी दौरान छूरे व धारदार हथियार से प्रहार कर बाप बेटे की हत्या कर दी गई।
वही गिरीश देव दुबे के दो पुत्र भी बुरी तरह जख्मी हो गए। दूसरे पक्ष के लोगों के भी घायल होने की बात बताई जा रही है। डीएसपी मुनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि हत्या के एक मुख्य आरोपित दिल रंजन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
* मेहंदी के रंग फीके भी नहीं पढ़े थे कि बेबी के सुहाग उजड़ गए
* आज ही के दिन सवईया भी मनाया जाने वाला था
इसुआपुर। भकुरा भिट्ठी गांव में जमीनी विवाद को लेकर रविवार की सुबह हुए खूनी संघर्ष में नवविवाहिता बेबी कुमारी का सुहाग उजड़ गया। पिछले 25 नवंबर को ही तो जिले के दाउदपुर थाना क्षेत्र के धर्मपुरा गांव से शशिकांत दुबे ने बेबी् की मांग में सिंदूर भर कर अपनी दुल्हन बनाया था।अभी उसके हाथ के मेहंदी फीके भी नहीं पड़े थे कि एक पखवाड़े बाद ही उसकी दुनिया उजड़ गई। खरमास चढ़ने के चलते आज ही के दिन उसका सवईया भी मनाया जाने वाला था। जिसके लिए दूल्हा-दुल्हन सजधज कर तैयार होने वाले थे। लेकिन दुल्हन बेबी को क्या पता था कि आज का यह शुभ दिन उसके लिए जीवन का सबसे मनहूस दिन होने वाला है।
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